इतिहास से प्रेरण
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर लोक भवन में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने विभाजन की त्रासदी पर आधारित अभिलेख प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने हजरतगंज स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा से लोक भवन तक मौन पदयात्रा की।
मुख्यमंत्री ने विभाजन की त्रासदी के शिकार परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी के हम सभी आभारी हैं जिन्होंने इतिहास के उन काले अध्यायों से पर्दा उठाकर देश की जनता की आंखों को खोलने का कार्य किया। विभाजन की विभीषिका के प्रति देश का ध्यान आकर्षित किया है। आज पूरा देश विभाजन की त्रासदी के स्मृति दिवस पर एकत्र होकर इतिहास के उन काले अध्यायों को स्मरण कर रहा है। इतिहास केवल अध्ययन का विषय नहीं होता है, वह एक प्रेरणा होती है। गलतियों का परिमार्जन करने और गौरवशाली क्षणों से प्रेरणा ग्रहण करने का एक संकल्प होता है। विभाजन की त्रासदी इन्हीं बातों की ओर हमारा ध्यान आकर्षित करती है।
भारत बल, बुद्धि, विद्या सभी में दुनिया का नेतृत्व करने की सामर्थ्य रखता था। 16वीं शताब्दी तक भारत का वैभव दुनिया के अंदर अग्रणी था। 16वीं शताब्दी में अकेले भारत दुनिया की अर्थव्यवस्था के आधे भाग का नेतृत्व करता था। सनातन राष्ट्र भारत को विदेशी आक्रान्ताओं द्वारा गुलाम बनाया गया। भारत की परम्परा व संस्कृति को तोड़ने व अपवित्र करने का कार्य किया गया। देश के महान क्रांतिकारियों, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने आजादी की लड़ाई लड़कर विदेशी हुकूमत को उखाड़ फेंकने का कार्य किया।