उत्तर प्रदेश

फंदे से लटका मिला एसएसएफ जवान का शव

आगरा। शाखीपुरम सिकंदरा में रविवार की रात यूपी एसएसएफ (स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स) में तैनात 28 वर्षीय सिपाही अयज कुमार चाहर ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। वह अपनी पत्नी और मासूम बेटी के साथ किराए पर रहता था। पुलिस को मौके पर कोई सुसाइड नोट नहीं मिला। सिपाही का अंतिम संस्कार पैतृक गांव सरसा (किरावली) में हुआ।
अजय कुमार चाहर वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश पुलिस में भर्ती हुआ था। वर्तमान में उसकी ड्यूटी आगरा न्यायालय सुरक्षा में थी। अजय की ढाई साल पहले शादी हुई थी। सवा साल की एक बेटी है। इंस्पेक्टर सिकंदरा नीरज कुमार शर्मा ने बताया कि अजय का भाई कपिल भी पुलिस में है। वह
झांसी में तैनात है। अजय की पत्नी ने रात को शोर मचाया। अजय ने खुद को कमरे में बंद करके फांसी लगा ली थी। दरवाजा तोड़कर अजय को फंदे से उतारा गया। उसे अस्पताल ले जाया गया मगर तब तक देर हो चुकी थी।
अजय की मौत की खबर से उसके घर कोहराम मच गया। बड़ी संख्या में परिजन और रिश्तेदार आगरा आ गए। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा। हर किसी को एक ही सवाल परेशान कर रहा है आखिर अजय ने ऐसा क्यों किया।

अजय दो भाई और दो बहनें हैं। पिता खेती करते हैं। भाई भी पुलिस में हैं और झांसी में उनकी नौकरी है। अजय बहुत खुशमिजाज व्यक्ति थे। उनका किसी से कोई विवाद नहीं था। रात में उन्होंने फोन पर पिता और ससुर से बात की थी। उसके बाद सुबह उनकी लाश मिली। सोमवार को पोस्टमार्टम गृह पर पुलिस और एसएसएफ के जवानों के श्रद्धांजलि देने के बाद अंतिम संस्कार कर दिया। फिलहाल पुलिस को कोई तहरीर नहीं दी गई है।

इंस्पेक्टर सिकंदरा नीरज शर्मा ने बताया कि मौके पर कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। उनके मोबाइल की जांच की जा रही है। परिजनों ने कोई तहरीर नहीं दी है।

मृतक के ताऊ भगत जी ने बताया कि अजय ने कमरा अंदर से बंद किया हुआ था। पत्नी अंजलि ने पड़ोस में रहने वाले पुलिसकर्मी और अन्य को बुला लिया था पर मकान मालिक ने दरवाजा तोड़ने नहीं दिया। सही समय पर अगर दरवाजा टूट जाता तो शायद उनकी जान बच जाती। स्थानीय पुलिस के पहुंचने तक देर हो चुकी थी।

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