शहीद की माँ का छलका दर्द: कोई भी नेता हमारे दुःख दर्द का हाल जानने नहीं आता, ‘मात्र दिवस’ पर बेटे को किया याद
डीके श्रीवास्तव

आगरा। शहीद की माँ को मलाल नहीं होता, बल्कि गर्व होता है। उसका बेटा देश की रक्षा के लिए शहीद हुआ है, और माँ को अपने बेटे के बलिदान पर गर्व है। यह भाव बहुत ही सामान्य है। जब किसी व्यक्ति का पुत्र या पुत्री देश की रक्षा करते हुए शहीद हो जाता है, तो माता-पिता को अपने बच्चे के बलिदान पर गर्व होता है। वे समझते हैं कि उनके बच्चे ने देश की सेवा की है और अपने प्राणों की आहुति दी है।
मामला खंदौली क्षेत्र के गाँव मलुपुर का है जहाँ मात्र दिवस के अवसर पर जब इंडिया समाचार 24 की टीम ने उनका हाल जाना तो शहीद की माँ श्रीमती देवी ने बताया की सरकार द्वारा जो पेट्रोल पंप शहीद धर्मवीर सिंह के परिवार को दिया गया था। आज वो उनके पास नहीं है। शहीद की माँ ने बताया की कंपनी द्वारा झूठा आरोप लगाकर पंप को सीज कर दिया गया। उसके कुछ दिन बाद हमारे पंप को किसी और को दे दिया गया। जिसके लिए उन्होंने पुलिस से लेकर नेतागण के दरवाजे खटखटाये लेकिंन किसी ने भी उनकी सुनवाई नहीं की। हारकर उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया तब जाके कुछ उम्मीद जागी। शहीद के परिवार को अब कोर्ट पर ही भरोसा है।
आतंकियों से लोहा लेते वक्त शहीद हुए थे धर्मवीर सिंह
19 साल की उम्र में ही देश के लिए अपनी जान कुर्बान करने वाले धर्मवीर सिंह को आज भी उनके गांव का बच्चा-बच्चा याद करता है। उनकी शहादत के बाद पैदा हुए बच्चों को उनकी माएं धर्मवीर सिंह की कहानियां सुनाती हैं। फिल्म बार्डर में अक्षय खन्ना ने धर्मवीर सिंह ने किरदार अदा किया था। भाेले भाले नौजवान की तरह ही धर्मवीर ने वक्त आने पर दुश्मन के छक्के छुड़ा दिए थे और देश की रक्षा में अपने प्राण न्याैछावर कर दिए।