देश को एकता के सूत्र में पिरो रही है हिन्दी : डा दिनेश शर्मा

लखनऊ । राज्यसभा सांसद एवं यूपी के पूर्व उपमुख्यमंत्री डा दिनेश शर्मा ने कहा कि हिन्दी देश को एकता के सूत्र में पिरोने का कार्य कर रही है। भारत अपनी राजभाषा हिन्दी का प्रयोग करके आगे बढ रहा है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भरता के लिए हिन्दी अथवा क्षेत्रीय भाषाओं का प्रयोग आवश्यक है। देश एक बडी लकीर खींचने की दिशा में बढ चला है।
नादरगंज स्थित भारत सरकार के अधिष्ठान सीपैड में हिन्दी पखवाडा के तहत आयोजित राजभाषा सम्मेलन एवं हिंदी कवि सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए डा शर्मा ने कहा कि देश की क्षेत्रीय भाषाएं हिन्दी की छोटी बहन की तरह हैं। हिन्दी के साथ क्षेत्रीय भाषाओं को भी बराबर से सम्मान दिया जाना चाहिए। सब भाषाओं के संवर्धन के साथ देश का विकास हो। देश में हिन्दी के प्रति सकारात्मक माहौल बना है।
पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हिन्दी पखवाडा देश की जरूरत है जिससे राजभाषा का संवर्धन हो सके। आजादी के बाद जिस प्रकार से भाषा का संवर्धन होना चाहिए था वहीं नहीं हुआ । हिन्दी पहले खडी बोली के रूप में थी। भारतेन्दु जी के समय में हिन्दी खडी बोली और भाषा बृज भाषा थी पर बाद में हिन्दी भाषा बन गई और बृज भाषा खडी बोली बन गई। इसका कारण था कि हिन्दी भाषा ने अपना दिल बडा किया और तमाम अन्य भाषाओं के शब्दो को आत्मसात कर लिया। आज यह देश की सम्पर्क भाषा बन गई है।
सांसद ने कहा कि आज प्रधानमंत्री ने देश के पहले स्वदेशी नेटवर्क को आरंभ किया है। आज भारत आत्मनिर्भरता की ओर बढ रहा है और किसी भी प्रकार की धमकी से डरने वाला नहीं है। टैरिफ लगाने की धमकी काम नहीं करेगी। अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश को स्वदेशी के जरिए आत्मनिर्भर बनाने के साथ ही विकसित भारत का रोड मैप खींच दिया है।
उन्होंने कहा कि इस दिशा में आगे बढने के लिए हिन्दी भाषा के प्रयोग पर बल दिया जा रहा है। दुनिया की बडे अविष्कार भारत के ही वैज्ञानिकों ने किए है। देश का ज्योतिष दुनिया के लिए चमत्कार की तरह है। गृह मंत्रालय में हिन्दी भाषा में शत प्रतिशत कार्य होने के लिए देश के गृह मंत्री अमित शाह के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि देश के अन्य मंत्रालयों में भी हिन्दी का प्रयोग बढा है। आज भारत सरकार के कार्यालयों में हिन्दी का प्रयोग 65 प्रतिशत तक हो रहा है। देश में होने वाली प्रतियोगी परीक्षाए हिन्दी अथवा क्षेत्रीय भाषा में आयोजित की जा रही हैं। मध्य प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा की पढाई भी हिन्दी में हो रही है। आज हिन्दी में हर क्षेत्र में शोध हो रहे हैं। हिन्दी अथवा क्षेत्रीय भाषा के शब्दों का प्रयोग अपने शोध में करने वालों को गर्व का बोध होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि देश से मेधा का पलायन रुकना चाहिए। युवाओं को अपनी क्षमता का प्रयोग देश को आत्मनिर्भर बनाने में करना चाहिए। अपने अन्दर ऐसी आग पैदा करनी चाहिए जो राष्ट्र निर्माण में योगदान दे सके। प्रधानमंत्री ने मर्यादा निभाते हुए टैरिफ का जवाब टैक्स घटाकर दिया है। अब जीएसटी में कमी से बाजार में वस्तुओं के दाम में कमी होगी जिससे खपत बढेगी। खपत बढने पर मांग के साथ उत्पादन भी बढेगा जो अर्थव्यवस्था को बूस्ट करेगा। आज देश में 12 लाख तक की आयकरमुक्त है। ये आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम है जिसमें स्वदेशी वस्तुओं का देश में ही उपयोग बढेगा। जीवन में आगे बढने के लिए मर्यादा का पालन करना आवश्यक है।
उनका कहना था कि जीवन में सीखने की भूख होना आवश्यक है तभी विजय मिलती है। तनाव सफलता में बाधक होता है। उन्नति के लिए वर्तमान में ही जीवन जीना सीखना होगा।
डॉ दिनेश शर्मा ने कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित होकर पुरस्कार वितरण किया।
इस अवसर पर देश के प्रसिद्ध कविगण सर्वश्री वेदव्रत वाजपेई जी, श्री पंकज प्रसून जी, डाo सर्वेश अस्थाना जी, सरदार प्रताप सिंह फौजदार जी एवं डॉo सुनरूपा जी द्वारा काव्यपाठ किया गया।
इस अवसर पर चेन्नई मुख्यालय से पधारे महानिदेशक सीपैड डॉo शिशिर सिन्हा जी, संयुक्त निदेशक श्री विवेक कुमार जी, सहायक तकनीकी अधिकारी, श्री एके खरे जी आदि उपस्थित रहे।