उत्तर प्रदेशलखनऊ

आत्मनिर्भरता की राह पर चलकर विकसित भारत के लक्ष्य की ओर बढ रहा है देश : डा दिनेश शर्मा

लखनऊ । राज्यसभा सांसद एवं यूपी के पूर्व उपमुख्यमंत्री डा दिनेश शर्मा ने कहा कि आत्मनिर्भरता की राह पर चलकर देश विकसित भारत के संकल्प के लक्ष्य की ओर बढ रहा है। विकसित भारत की यात्रा में बाधाए भी आ सकती है। उन्होंने कहा कि भारत के पडोस में नेपाल , श्रीलंका , पाकिस्तान में जिस प्रकार से सरकारों का परिवर्तन हुआ वह स्वाभाविक ना होकर साजिश प्रतीत होता है। अब देश में भी यही षडयंत्र कराने की कोशिश हो रही है। किसान आन्दोलन , बरेली की घटना, वक़्फ़,CAA, संविधान और आरक्षण खतरे में है आदि आंदोलन ये सब उसी साजिश का हिस्सा प्रतीत होती हैं। किसान देश के लिए समर्पित है पर उन्हे भडकाने का प्रयास किया गया। बरेली में भी अराजकता का वातावरण बनाने का प्रयास किया गया। बुद्धिजीवियों को देश में अराजकता फैलाने की कोशिशों के प्रति समाज को जागरूक करना चाहिए।
डा शर्मा ने कहा कि देश तेजी से आगे बढ रहा है इसलिए विरोधी भी पैदा हो रहे हैं। एक समय में अमेरिका से आया हुआ सडा लाल का गेंहू देश के लोग खाने को मजबूर हुआ करते थे पर आज सरकार 10 किलो राशन फ्री में दे रही है। कभी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति तक सीमित रहने वाला भारत आज अंतरिक्ष में भी पहुच गया है। यूपी में आज 17 एक्सप्रेस वे 22 हवाई अड्डे हैं। याची कहे जाने वाले भारत ने 120 से अधिक देशों को कोरोना की वैक्सीन दी है। अमेरिका जैसा देश भारत से पैरासीटामाल दवा देने की गुहार लगा रहा था। जो देश भारत को टीका भेजते थे वे अब भारत से दवा मंगा रहे हैं। भारत का नया रूप कई देशों को अच्छा नहीं लग रहा है। आज अमेरिका जैसा देश भी भारत को धमका नहीं सकता है। अमेरिका ने अगर देश पर टैरिफ थोपने का प्रयास किया तो पीएम ने पूरी मर्यादा के साथ उसका जवाब देश को आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने वाले उपाय करके दे दिया है। जीएसटी की दरों में भारी कटौती भारत में मांग और उत्पादन को बढाकर अर्थव्यवस्था को नया स्वरूप देगी। इससे स्वदेशी को बल मिलेगा। देश ने टेलीकाम सेक्टर में अनोखी उपलब्धि हासिल करते हुए स्वदेशी 4जी नेटवर्क विकसित कर लिया है। आत्मनिर्भरता अभियान की ये बडी उपलब्ध है। अब विदेशी नेटवर्क पर निर्भरता नहीं रहेगी।
सांसद ने कहा कि मत का विश्लेषण बुद्धिजीवियों की पहचान है तथा उनमे मतभिन्नता रही है। जो लोग कम शिक्षित होते हैं वे जल्द निर्णय लिया करते हैं तथा उनके निर्णय बडे हो जाते हैं जबकि बुद्धिजीवी सोंचते रह जाते हैं। अधिकांश लोग वर्तमान में बीते हुए कल अथवा आने वालें कल को लेकर सोंचते रहते हैं वे सफल नहीं हो पाते हैं। जीवन में सफलता उन्होंने को मिलती है जो वर्तमान में जीते हैं। जीवन में वर्तमान से संतुष्ट रहना ही प्रसंन्नता का एकमात्र फार्मूला है। धन एवं सुविधा सुख को लाने वाले नहंी होता है। जीवन में शान्ति का होना ही सुख है। अपने सुख का इंताजम खुद ही करना होता है दूसरे को उसकी जिम्मेदारी देने से सुख नहीं मिलता है। जीवन में चिन्तन कम करना चाहिए।सिटी मोंटेसरी स्कूल, गोमती नगर, लखनऊ में ऑल इंडिया कॉन्फ्रेंस का इंटेलेक्चुअल संस्था द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित होकर समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले महानुभावों को यूपी रत्न अवॉर्ड से सम्मानित किया।

Share this post to -

Related Articles

Back to top button