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सीडीओ ने दस महिला टीबी मरीजों को लिया गोद

जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में सभी विभागों के प्रतिनिधियों से टीबी मरीजों को गोद लेने के लिए दिए निर्देश

आगरा। मुख्य विकास अधिकारी प्रतिभा सिंह की अध्यक्षता में बुधवार को विकास भवन में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक में स्वास्थ्य विभाग सहित 11 विभागों के प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया। सीडीओ ने इस दौरान सभी विभागों के प्रतिनिधियों से टीबी मरीजों को गोद लेने के निर्देश दिए और उन्होंने गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) से टीबी मरीजों को गोद लेने की अपील की। इस दौरान सीडीओ ने दस महिला क्षय रोगियों को गोद लिया और उन्हें पोषण पोटली प्रदान की।
युवा भी करेंगे सहयोग
बैठक में राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम में युवाओं द्वारा सहयोग करने पर भी चर्चा हुई। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि अब युवा भी राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम में सहयोग प्रदान करेंगे। उन्होंने बताया कि भारत सरकार के युवा कल्याण एवं खेल मंत्रालय ने टीबी मुक्त भारत अभियान को सशक्त बनाने के लिए राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के अंतर्गत कार्य करने वाले युवाओं व संस्थाओं को ‘निक्षय मित्र’ बनाने का फैसला किया है। निक्षय मित्र के तौर पर वे, टीबी रोगियों को गोद लेने, उनकी मनो-सामाजिक सहायता करने, उपचार के तहत सही तरीके से दवाएं लेने के लिए प्रेरित करेंगे।

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. सुखेश गुप्ता ने बताया कि युवा निक्षय मित्र इंफोग्राफ़िक्स, उत्तरजीवी कहानियाँ और मिथक-तोड़ने वाले संदेशों के माध्यम से टीबी मरीजों व लोगों को जागरुक करेंगे। इसके साथ ही, एनएसएस दिवस, अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस और अन्य प्रमुख आयोजनों के दौरान ‘निक्षय शपथ’ समारोह आयोजित भी किए जाएंगे। सभी युवा निक्षय मित्र टीबी सेल के साथ समन्वय कर योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए कार्य करेंगे।
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डीटीओ ने बताया कि युवा वर्ग को ओरिएंटेशन के माध्यम से बताया जाएगा उन्हें टीबी उन्मूलन में सहयोग करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इस अभियान के तहत, युवा वर्ग को टीबी के बारे में जागरूक किया जाएगा और उन्हें टीबी उन्मूलन में सहयोग करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यदि किसी को दो सप्ताह से अधिक खांसी, बुखार, रात में पसीना आना, मुंह से खून आना, सीने में दर्द होना, सांस लेने में तकलीफ होना, वजन कम होना, भूख न लगना, थकान होना, गर्दन में गिल्टी/गांठे, बांझपन और कोई अन्य लक्षण हों तो वह नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या फिर निक्षय दिवस में आकर अपनी टीबी की जांच अवश्य कराएं। टीबी का उपचार संभव है, सरकार द्वारा इसकी जांच व उपचार मुफ्त होता है। इसके साथ ही टीबी मरीजों को स्वस्थ होने तक उनके बैंक खाते में निक्षय पोषण योजना के तहत एक हजार रुपये प्रतिमाह दिए जाते हैं।

आगरा शहर की 13 वर्षीय निवासी खुशी गौतम (बदला हुआ नाम) ने बताया कि सीडीओ मैडम ने उन्हें पोषण किट प्रदान की और उनके उपचार के बारे में विस्तार से जानकारी ली। सीडीओ मैडम ने उन्हें समय पर दवा सेवन करने की सलाह दी और बताया कि एक भी दिन दवा छोड़ने से उपचार में बाधा उत्पन्न हो सकती है। इसके अलावा, उन्होंने उपचार के दौरान मास्क लगाने के महत्व पर जोर दिया ताकि किसी अन्य व्यक्ति को टीबी का संक्रमण न फैले। सीडीओ मैडम ने पौष्टिक आहार के सेवन की सलाह देते हुए कहा कि घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है और वह पूरी तरह से ठीक हो जाएंगी।

आयोजित कार्यक्रम में नेशनल ट्यूबरक्लोसिस एलिमिनेशन प्रोग्राम की टीम का विशेष सहयोग रहा इस मौके पर डिप्टी डीटीओ डॉ॰ एसके राहुल, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, अधीक्षक सहित समस्त विभागों के प्रतिनिधि मौजूद रहे l

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