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Engine Bleed के कारण नासा ने टाला आर्टेमिस-I मून मिशन का लान्च, समस्या सुलझाने में जुटी टीमें

NASA ने कहा कि लान्च अनियोजित होल्ड पर है क्योंकि टीम NASA इंजन के साथ जुड़े एक मुद्दे पर काम कर रही है। टीमें इस बात का मूल्यांकन कर रही हैं कि इंजन को कंडीशन करने के लिए ब्लीड टेस्ट सफल क्यों नहीं हुआ।

वाशिंगटन, एजेंसियां। ईंधन टैंक में रिसाव और इंजन में समस्या के कारण अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने सोमवार को अपने चंद्र अभियान आर्टेमिस के पहले चरण के अंतर्गत राकेट और कैप्सूल की लांचिंग टाल दी। लांचिंग के निकट आते समय के बीच नासा ने लगातार स्पेस लांच सिस्टम (एसएलएस) राकेट में ठंडे हाइड्रोजन और आक्सीजन ईंधन भरने की प्रक्रिया कई बार रोकी। एक स्थान से अतिसंवेदनशील विस्फोटक हाईड्रोजन का रिसाव हो रहा था। इस स्थान से कुछ समय पहले भी रिसाव का पता लगा था। राकेट के चार मुख्य इंजनों में से एक को पूरी तरह से ठंडा न कर पाने के कारण भी नासा के सामने समस्या आई। नासा ने एक ट्वीट में कहा, "आर्टेमिस का प्रक्षेपण आज नहीं हो रहा है क्योंकि टीमें इंजन ब्लीड के साथ एक मुद्दे पर काम कर रही हैं। नासा ने कहा , "NASA SLS राकेट की हाइड्रोजन टीम Artemis लान्च डायरेक्टर के साथ योजनाओं पर चर्चा कर रही है ।" नासा ने सोमवार को फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से आर्टेमिस मिशन को लान्च करने की योजना बनाई थी, जो स्पेस लान्च सिस्टम (एसएलएस) राकेट और ओरियन कैप्सूल को चंद्रमा के चारों ओर एक महीने से अधिक की यात्रा पर भेज रहा था।

                                               

लान्च को अनियोजित होल्ड पर रखा गया

बता दें, नासा ने लगभग 50 वर्ष बाद फिर से चांद पर इंसान को भेजने के लिए तीन चरण का आर्टेमिस अभियान आरंभ किया है। अभियान के पहले चरण के अंतर्गत विश्व के सबसे शक्तिशाली राकेट एसएलएस और इसके साथ ओरियन नाम के कैप्सूल की लांचिंग सोमवार को की जानी थी। अभी कैप्सूल में अंतरिक्ष यात्री के स्थान पर डमी भेजी जानी है। लांच की अगली तिथि के बारे में लांच कमेंटेटर डेरल नेल ने कहा कि अभी समस्या को समझने का क्रम जारी है। हमें देखना होगा कि परीक्षण डाटा से क्या कारण सामने आता है।

 

बड़ी संख्या में लोग लांचिंग देखने के लिए पहुंचे। अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के भी पहुंचने की संभावना जताई गई थी। अभियान के पहले चरण के सफल रहने पर दूसरे चरण में अंतरिक्ष यात्री भेजे जाएंगे, लेकिन वह चांद का चक्कर लगाकर लौट आएंगे। इसके बाद तीसरे चरण में वर्ष 2025 तक चांद पर अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने की योजना है।

 

 

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