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लोकसभा उपचुनाव: BJP-BSP के MY समीकरण ने बढ़ाई सपा की मुश्किलें, दोनों ही सीटों पर खतरा

उत्तर प्रदेश की दो लोकसभा सीटों आजमगढ़ और रामपुर के उपचुनाव ने समाजवादी पार्टी को मुश्किल में डाल दिया है। समाजवादी पार्टी ने 2019 में आजमगढ़ और रामपुर दोनों सीटों पर जीत हासिल की थी।

उत्तर प्रदेश की दो लोकसभा सीटों आजमगढ़ और रामपुर के उपचुनाव ने समाजवादी पार्टी को मुश्किल में डाल दिया है। समाजवादी पार्टी ने 2019 में आजमगढ़ और रामपुर दोनों सीटों पर जीत हासिल की थी।
लोकसभा उपचुनाव: BJP-BSP के MY समीकरण ने बढ़ाई सपा की मुश्किलें, दोनों 


उत्तर प्रदेश की दो लोकसभा सीटों आजमगढ़ और रामपुर के उपचुनाव ने समाजवादी पार्टी को मुश्किल में डाल दिया है। समाजवादी पार्टी ने 2019 में आजमगढ़ और रामपुर दोनों सीटों पर जीत हासिल की थी। अखिलेश यादव ने आजमगढ़ जीता, जबकि मोहम्मद आजम खान ने रामपुर जीता। दोनों नेताओं ने इस साल मार्च में विधानसभा चुनाव जीतकर अपनी संसदीय सीटों से इस्तीफा दे दिया है। आगामी उपचुनावों में भाजपा और बसपा ने आजमगढ़ में सपा को धूल चटाने के लिए बड़ा दांव खेला है। यहां मुस्लिम और यादव की अच्छी आबादी है। इसे सपा का गढ़ माना जाता है। बसपा ने मुस्लिम-दलित वोटों को ध्यान में रखते हुए आजमगढ़ से शाह आलम उर्फ ​​गुड्डू जमाली को मैदान में उतारा है। जमाली इस निर्वाचन क्षेत्र में एक लोकप्रिय मुस्लिम नेता हैं और अगर उन्हें अपने समुदाय के साथ-साथ दलितों का भी समर्थन मिलता है, तो वे सपा को परेशान कर सकते हैं यादव वोट पर भाजपा की नजर
आजमगढ़ से लोकप्रिय भोजपुरी स्टार दिनेश लाल यादव निरहुआ को मैदान में उतारकर बीजेपी की नजर यादव वोटों पर है। निरहुआ पहले ही अभियान शुरू कर चुके हैं और बीजेपी सूत्रों की माने तो भोजपुरी के दो अन्य सितारे सांसद मनोज तिवारी और रवि किशन भी निरहुआ के लिए प्रचार करेंगे। निरहुआ का अभियान इस बात पर केंद्रित है कि अखिलेश यादव ने आजमगढ़ के लोगों को उनके हाल पर 'छोड़ दिया'।

डिंपल यादव को नहीं आतारेगी सपा
निरहुआ और गुड्डू जमाली मैदान में हैं, समाजवादी पार्टी अभी भी अपने उम्मीदवार तय नहीं कर पाई है। पार्टी सूत्रों ने पुष्टि की है कि डिंपल यादव अपने पति अखिलेश यादव की सीट से चुनाव नहीं लड़ेंगी। पार्टी के एक पदाधिकारी ने कहा, "मौजूदा परिदृश्य में आजमगढ़ एक 'सुरक्षित' सीट नहीं है। पार्टी डिंपल यादव को चुनावी दंगल में उतारना नहीं चाहेगी।" सपा विधायक रमाकांत यादव के लोकसभा उपचुनाव लड़ने की भी चर्चा है, लेकिन यादव ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है।

आजम खान के पूर्व सहयोगी पर भाजपा ने खेला दांव
रामपुर से बीजेपी ने मोहम्मद आजम खान के पूर्व अनुचर घनश्याम लोधी को मैदान में उतारा है। बहुजन समाज पार्टी ने पहले ही रामपुर से अपना उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, समाजवादी पार्टी को डर है कि आजमगढ़ और रामपुर या उनमें से एक को भी हारने से यह संदेश जाएगा कि मुसलमान पार्टी छोड़ रहे हैं और इसका असर 2024 के लोकसभा चुनावों पर पड़ेगा

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