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भगवान सूर्य ही बिखेरते हैं जीवन में उन्नति रूपी प्रकाश

आगरा

आगरा। दयाल बाग स्थित श्री गोपाल जी धाम में भगवान सूर्य की दिव्य कथाओं से युक्त 'श्री भविष्यपुराण' विषयक प्रवचन प्रारंभ हुआ। गुरुदीपिका योगक्षेम फाउंडेशन के तत्वावधान में आयोजित इस प्रवचन में आगरा की सुप्रसिद्ध भागवत कीर्तिकार डॉक्टर दीपिका उपाध्याय ने भविष्य पुराण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि श्री व्यास जी के शिष्य सुमंतु तथा पांडव वंश के राजा शतानीक के मध्य कही गई यह पावन कथा बड़ी ही दुर्लभ तथा जीवन उपयोगी है। मनुष्य जाने अनजाने जो भूल कर बैठता है उनका जीवन पर गहरा दुष्प्रभाव पड़ता है लेकिन बुद्धि के प्रयोग से हम अपना जीवन बहुत से कष्टों से बचा सकते हैं। यह पुराण कथाएं हमें यही शिक्षा देती हैं मनुष्य को ऋषि-मुनियों द्वारा संकलित इस अनुभवजन्य ज्ञान को अपने जीवन में उतारना चाहिए, ठीक वैसे ही जैसे च्यवन ऋषि की पत्नी सुकन्या ने किया।

 जब छोटी सी भूल के कारण उन्हें च्यवन ऋषि की पत्नी बनना पड़ा तब उन्होंने अपने व्यवहार से उनका हृदय जीत लिया। अश्विनी कुमार जब सुकन्या के पातिव्रत्य की परीक्षा लेने आए तब उन्होंने लक्षणों के आधार पर उनमें से अपने पति की पहचान की। 

परिवार बँट जाने के कारण इस अनुभवजन्य ज्ञान की कमी हो गई है। आज हम नवीन ज्ञान पाने को उत्सुक हैं लेकिन प्राचीन ज्ञान का कोई लाभ नहीं उठा पा रहे। भगवान सूर्य की रश्मियाँ मात्र सृष्टि के लिए ही नहीं बल्कि मानव जीवन के लिए भी अनिवार्य है। 

आगे कथा में डॉक्टर दीपिका उपाध्याय ने बताया कि अधिक तेजस्वी होना भी कभी कभी दुखदाई होता है, ठीक वैसे ही जैसे भगवान सूर्य के लिए हुआ। जब सूर्य देव की पत्नी देवी संज्ञा उनका प्रचंड तेज ना सह सके तो फिर रूप बदलकर वन को चली गई। उनकी संतानों के साथ सौतेली माता छाया ने बुरा व्यवहार किया जिसके कारण यम को झेलना पड़ा। यह कथा बताती है कि पति पत्नी को सदैव एक दूसरे का सम्मान करना चाहिए अन्यथा परिवार विशेषकर संतान पर दुष्प्रभाव पड़ता है। 

फाउण्डेशन की निदेशक वारिजा चतुर्वेदी ने बताया कि यह प्रवचन आयोजन सात दिन तक सायंकाल के समय किया जा रहा है। लोगों को लुप्त होती जा रही पौराणिक कथाओं से परिचित कराना ही फाउण्डेशन का उद्देश्य है।

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