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दयालबाग एजुकेशनल इंस्टीट्यूट के शोध छात्र हिमांशु बंसल यंग साइंटिस्ट अवार्ड से सम्मानित

डीके श्रीवास्तव

आगरा के दयालबाग एजुकेशनल इंस्टीट्यूट के शोध छात्र हिमांशु बंसल को 108वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस में भौतिक विज्ञान में यंग साइंटिस्ट अवार्ड से सम्मानित किया गया है| हिमांशु बंसल को यह पुरस्कार नोबेल पुरस्कार विजेता  ऐडा योनथ और भारतीय विज्ञान कांग्रेस की महासचिव डॉ. विजय लक्ष्मी सक्सेना द्वारा दिया गया | 
मानव मस्तिष्क ब्रह्मांड की सबसे जटिल चीज़ है। दुनिया भर में इसे समझने के लिए रिसर्च चल रही है | मानव मस्तिष्क के न्यूरॉन्स को कंट्रोल करके न सिर्फ ब्रेन को समझ सकते हैं, बल्कि बहुत सारी मानसिक बीमारियों का इलाज भी कर सकते हैं | हिमांशु बंसल 2017 से प्रकाश द्वारा मानव मस्तिष्क के न्यूरॉन्स को नियंत्रित करने पर रिसर्च कर रहे हैं | उन्हें इस विषय पर अपना शोध पत्र प्रस्तुत करने के लिए यंग साइंटिस्ट अवार्ड दिया गया है | उनके सैद्धांतिक मॉडल प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय जर्नल्स में प्रकाशित हुए हैं। 
हिमांशु बंसल ने भौतिक एवं कंप्यूटर साइंस विभाग में प्रोफेसर सुखदेव राय के मार्गदर्शन में हाल ही मैं पी.एच.डी. थीसिस संपन की  है |
108वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस का वर्चुअल उद्घाटन  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया | 5 दिनों तक चलने वाली विज्ञान कांग्रेस इस बार राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय में आयोजित की गई थी | 108वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस में कई प्रमुख नेता शामिल हुए थे। जिसमें महाराष्ट्र के राज्यपाल और महाराष्ट्र सार्वजनिक विश्वविद्यालयों के चांसलर, भगत सिंह कोश्यारी, केंद्रीय मंत्री और आरटीएमएनयू शताब्दी समारोह की सलाहकार समिति के अध्यक्ष, नितिन गडकरी, विज्ञान और प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान के लिए केंद्रीय राज्य मंत्री, जितेंद्र सिंह, महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस शामिल हुए थे। इसके साथ ही राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सुभाष आर. चौधरी, भारतीय विज्ञान कांग्रेस एसोसिएशन (आईएससीए), कोलकाता के महासचिव डॉ. विजय लक्ष्मी सक्सेना मौजूद रहे थे | भारतीय विज्ञान कांग्रेस का इस बार मुख्य विषय "महिला सशक्तीकरण के साथ सतत विकास के लिए विज्ञान और तकनीक" रखा गया था |
हिमांशु बंसल आगरा के सिकंदरा के पास पनवारी गांव के निवासी हैं | वह 2015 से दयालबाग शिक्षण संस्थान के भौतिकी के छात्र हैं और 2017 से वही पर अपना शोध कार्य कर रहे हैं | उन्होंने इस अवॉर्ड का श्रेय अपने गाइड प्रोफेसर सुखदेव रॉय, अपने माता-पिता और सहकर्मियोँ को दिया।

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