ब्रज रज उड़ मस्तक लगे मुक्ति मुक्त हो जाए
डॉ दीपिका उपाध्याय
आगरा। 'भगवान श्रीकृष्ण की लीला भूमि ब्रज की रज देवताओं के लिए भी दुर्लभ है। यह ब्रज की रज की महिमा है जिसके स्पर्श से मुक्ति भी मुक्त हो जाती है। भगवान के पास बैकुंठ में सारे सुख थे, बस ब्रज रज नहीं थी तो उसमें लोटने के लिए ही भगवान ब्रज में अवतरित हुए।' श्रीगोपालजी धाम, दयालबाग में चल रही भागवत कथा में कथावाचक डॉ दीपिका उपाध्याय ने ब्रजराज का महत्व बताया।
गुरुदीपिका योगक्षेम फाउंडेशन के तत्वावधान में चल रही कथा के पांचवें दिन कथावाचक ने पूतना उद्धार, शकट भजन और विविध राक्षसों के उद्धार की कथा सुनाई। पूतना की कथा सुनाते हुए कथावाचक ने बताया कि यह पूर्व जन्म में राजा बलि की पुत्री रत्नमाला थी। यज्ञशाला में वामन रूप श्रीहरि को देखकर उसके मन में ऐसे सुंदर बालक को दूध पिलाने की इच्छा उत्पन्न हो गई। भगवान ने उसका भाव ग्रहण किया और द्वापर युग में जब वे कृष्ण रूप में अवतरित हुए तब पूतना रूपी रत्नमाला का दूध पीकर उन्होंने उसका उद्धार किया।
कालिया नाग के फनों पर अपने चरण चिन्ह अंकित कर उसे निर्भय किया और ब्रज वासियों को उसके विष से मुक्ति दिलाई। ब्रजराज में लोटकर चंदन समान माटी में अपनी कस्तूरी, कपूर समान सुगंध मिला दी। इसी कारण से ब्रजरज में लूटने देवता ही नहीं बल्कि राक्षस भी पीछे- पीछे चले आए। भगवान ने उन सबका भाव ग्रहण किया और अधिकांश राक्षसों को ब्रजरज में ही मिलाकर उनका उद्धार कर दिया।
ब्रह्मा जी का मोह नाश करने की कथा सुनाते हुए कथावाचक ने बताया कि भगवान का अवतरण मुक्ति देने को हुआ था। जब ब्रह्मा जी ने ग्वाल बालों एवं बछड़ों को छिपा दिया तो भगवान कृष्ण ने ग्वाल बाल एवं बछड़ों का रूप धारण कर ब्रह्मा जी का मोह नष्ट कर दिया।
इसी प्रकार जब देवराज इंद्र ने ब्रज में खूब जल बरसाया तब गोवर्धन पर्वत धारण कर भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्र का अभिमान चूर चूर कर दिया और समूचे ब्रज की रक्षा कर ली।
गोवर्धन धारण प्रसंग सुनाते हुए भक्तों ने भावविभोर होकर गिरिराज जी की जय जयकार से समूचा क्षेत्र गुंजा दिया। कथावाचक के प्रसंग पूर्ण करते ही भक्तों ने उच्च स्वर में भजन कीर्तन प्रारंभ कर दिया। गिरिराज जी की भक्ति में झूमते भक्त जन उनका प्रसाद पाकर धन्य हो गए।
इस अवसर पर गुरुदीपिका योगक्षेम फाउंडेशन के निदेशक रवि शर्मा ने कथा की समस्त व्यवस्थाएं संभाली। कथा में सुशीला शर्मा, वीना तिवारी, दीपा लश्करी, वीना कालरा, विनीता गौतम, पवित्रा, गुंजन, कांता शर्मा आदि उपस्थित रहे।