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सेना मुख्यालय में शहबाज शरीफ को दी गई विदाई, क्या इस्तीफा देंगे पाकिस्तान के पीएम?

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। प्रधानमंत्री शरीफ का कहना है कि वह बुधवार को नेशनल असेंबली को भंग करने की सिफारिश करेंगे। दरअसल प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मंगलवार को कहा कि वह पाकिस्तान की नेशनल असेंबली को समय से पहले भंग करने के लिए बुधवार को राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को पत्र लिखेंगे।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Pakistan PM Shahbaz Sharif) बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। प्रधानमंत्री शरीफ (PM Shahbaz Sharif) का कहना है कि वह बुधवार को नेशनल असेंबली (National Assembly) को भंग करने की सिफारिश करेंगे।

दरअसल, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मंगलवार को कहा कि वह पाकिस्तान की नेशनल असेंबली को समय से पहले भंग करने के लिए बुधवार को राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को पत्र लिखेंगे।

नेशनल असेंबली को भंग करने की मांग करेंगे शहबाज शरीफ

बता दें कि अगर शहबाज शरीफ अपने पद से इस्तीफा देंगे तो एक अंतरिम सरकार देश का कार्यभार संभालेगी।  संसद के निचले सदन का पांच साल का कार्यकाल 12 अगस्त को खत्म हो रहा है। राष्ट्रपति अल्वी अगर प्रधानमंत्री की सलाह को स्वीकार करते हैं तो 48 घंटे के भीतर नेशनल असेंबली को भंग किया जा सकता है।

90 दिनों के अंदर कराने होंगे पाकिस्तान में चुनाव

सरकार ने घोषणा की है कि निर्धारित अवधि से तीन दिन पहले नेशनल असेंबली भंग कर दी जाएगी, जिसके बाद 90 दिनों के भीतर चुनाव होंगे। इसी बात से यह संकेत मिल रहा है कि शहबाज शरीफ प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं। इसी के चलते उन्होंने रावलपिंडी में पाकिस्तानी सेना के जनरल मुख्यालय का दौरा किया, जहां उन्हें विदाई भी दी गई।

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री शरीफ ने मंगलवार को जनरल मुख्यालय में अपनी विदाई यात्रा की। इस दौरान प्रधानमंत्री का थल सेनाध्यक्ष जनरल असीम मुनीर ने गर्मजोशी से स्वागत किया।

 

नेशनल असेंबली को भंग करने की योजना क्यों बना रही सरकार?

इस बीच राजनीतिक विशेषज्ञ का मानना है कि गठबंधन सरकार संसद भंग करने की सिफारिश करेगी, लेकिन संभावना यह है कि राष्ट्रपति अल्वी तुरंत अधिसूचना जारी करने से इनकार कर सकते हैं। इसीलिए असेंबली के खत्म होने से तीन दिन पहले ही इसे भंग करने की सलाह दी जा रही है। ताकि अगर राष्ट्रपति इसे लेकर इनकार कर दें तो भी विधानसभा को कार्यकाल खत्म होने से पहले ही नेशनल असेंबली को भंग कर दिया जाए, जिससे पाकिस्तान चुनाव आयोग को 90 दिन के अंदर चुनाव कराना पड़े।

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