समाजसेवा ही है जीवन, परिचय के नहीं है मोहताज
धर्मेंद्र सिंह
आगरा। ताजनगरी के प्रमुख समाजसेवी डॉ. विजय किशोर बंसल किसी परिचय के मोहताज नहीं है। दानवीर डॉ. विजय किशोर बंसल के द्वारा समाज हित में किए जा रहे कार्यों के चलते लोग उन्होंने भामाशाह के रूप में पहचानते हैं। शहर के सभी प्रमुख समाजसेवी संगठनों से किसी न किसी रूप में जुड़े हुए हैं।
डॉ. बंसल उस समय सर्वाधिक सुर्खियों में आए जब कोरोना काल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आह्वान पर उन्होंने अपने सारे संसाधन विराश्रित, असहाय तथा अन्य प्रदेशों से अपने प्रदेशों से अपने घरों को लौट रहे लोगों की सेवा में झोंक दिए। उन्होंने अन्य सेवाओं के साथ भोजन के करीब 25 लाख पैकेटों का पुलिस, प्रशासन एवं स्वयंसेवी संगठनों के माध्यम से विवरण कराया। इसके लिए उन्हें केंद्र एवं राज्य सरकार से अधिकृत कई उपक्रमों द्वारा सम्मानित किया गया। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई विदेशी यूनिवर्सिटी ने डॉ. बंसल को डॉक्ट्रेट की उपाधि से सम्मानित किया।
डॉ. विजय किशोर बंसल लंबे समय से आरएसएस से जुड़े हुए हैं। उन्होंने सह सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल की इच्छा मात्र से ही मथुरा पांच स्कूलों को गोद लिया हुआ है। इनमें से एक स्कूल में खुद कृष्ण गोपाल जी पढ़े हैं। उनकी मां कैला देवी में परम आस्था है। माता इंद्रा बंसल एवं पिता गिर्राज किशोर बंसल की सेवा को ही वह अपना परम धर्म मानते हैं। ईश्वर पर भरोसा है, इसलिए जीवन में और किसी चीज से आसक्तिनहीं है। विजय किशोर बंसल अपने बाबा रामबाबू बंसल द्वारा छोड़े गये समाज सेवा एवं धार्मिक कार्यों को आगे बढ़ाना ही विरासत मानते हैं। उनके पिता गिराज किशोर बंसल भी अपने व्यवसाय के साथ-साथ धार्मिक एवं सामाजिक कार्यों में दिलचस्पी लेते रहे। निस्वार्थ समाजसेवा की प्रेरणा उन्हें उन्हें अपने पिता से ही मिली है।