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परिवार नियोजन कार्यक्रम में निजी क्षेत्र की अहम भूमिका : मुख्य चिकित्सा अधिकारी आगरा

डीके श्रीवास्तव

आगरा ।  मध्यम वर्गीय परिवारों को परिवार नियोजन कार्यक्रम से जोड़ने में निजी क्षेत्र के अस्पताल अहम भूमिका निभा सकते हैं । ऐसे परिवारों के योग्य दंपति को ‘बॉस्केट ऑफ च्वाइस’ के सभी साधनों की जानकारी देने के साथ उन्हें सेवा दिलाई जाए । साथ ही जो लोग निजी क्षेत्र से सेवा ले रहे हैं उनकी रिपोर्ट भी स्वास्थ्य विभाग से साझा की जाए । यह बातें अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजीव वर्मन व परिवार कल्याण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. पीके शर्मा ने कहीं। निजी क्षेत्र के सेवा प्रदाताओं के साथ समन्वयक एवं क्षमता वर्धन बैठक का आयोजन ‘दी चैलेंज इनिशिएटिव’ पॉपुलेशन सर्विसेज़ इंटरनेशनल (पीएसआई) इंडिया के सहयोग से संभागीय परिवार नियोजन प्रशिक्षण केंद्र में किया गया। 

नोडल अधिकारी ने बताया कि सहयोगी संस्था पीएसआई इंडिया की मदद से जिले में 100 से अधिक निजी अस्पतालों को परिवार नियोजन सम्बन्धित गुणवत्तापूर्ण रिपोर्टिंग के लिए तैयार किया जा रहा है । शहरी क्षेत्रों में आशा और एएनएम को दिशा निर्देश है कि वह घर-घर जाकर दंपति से सम्पर्क करें और वे लाभार्थी जो निजी अस्पतालों में सेवा ले लेना चाहते हैं उन लाभार्थी को नसबंदी, आईयूसीडी और त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन की सेवा लेने के लिए प्रेरित करें साथ ही उनकी लिस्ट बनाएं । मध्यमवर्गीय परिवारों से जुड़े दंपति बड़ी संख्या में प्रसवपूर्व और प्रसवकालीन सेवाओं के लिए निजी क्षेत्र के अस्पतालों में आते हैं । ऐसे अस्पतालों में उन्हें परिवार नियोजन सेवाओं की विस्तृत जानकारी दी जानी चाहिए और उन्हें उनका मनपसंद साधन अपनाने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए । निजी अस्पतालों को इससे सम्बन्धित शिक्षाप्रद सामग्री संस्था की मदद से उपलब्ध कराई जाती है । स्थायी सेवाओं में महिला नसबंदी और पुरुष नसबंदी शामिल हैं, जबकि अस्थायी सेवाओं में कंडोम, माला एन, छाया, पीपीआईयूसीडी, अंतरा इंजेक्शन और आईयूसीडी प्रमुख तौर पर शामिल हैं ।


मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने कहा कि निजी अस्पताल सेवा प्रदान करने के साथ साथ उसकी प्रतिमाह रिपोर्टिंग भी करें जिससे जिले में परिवार नियोजन सेवाओं टीकाकरण और प्रसव की वास्तविक स्थिति का आंकलन किया जा सके और जिले का सूचकांक भी बेहतर हो । निजी और सरकारी क्षेत्रों का सही डेटा मिलने से नीति निर्माताओं को भी आवश्यकतानुसार कदम उठाने में मदद मिलती है और इससे परिवार नियोजन सेवाएं सुदृढ़ होंगी । उन्होंने निजी अस्पतालों को रिकॉर्ड के बारे में बताया ताकि उनका अवलोकन किया जा सके ।  
12.9 फीसदी है जिले की अनमेट नीड

नोडल अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय पारिवारिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएचएफएस)-पांच के आंकड़ों के अनुसार जिले का अनमेंट नीड 12.9 फीसदी है । इसका आशय है कि हर 100 में 14 से 15 महिला या पुरुष ऐसे हैं जो परिवार नियोजन का साधन अपनाना चाहते हैं लेकिन इन साधनों की जानकारी या पहुंच उन तक नहीं है । यह पहुंच बनाने में निजी क्षेत्र की भी अहम भूमिका है ।

सफल बनाएंगे अभियान

कार्यक्रम की प्रतिभागी निजी क्षेत्र डॉ. सीमा सिंह कहा कि यह एक महत्वपूर्ण बैठक है। उनका का प्रयास रहेगा कि समुदाय से आने वाले लोगों को परिवार नियोजन के साधनों के प्रति जागरूक करें और उन्हें साधन भी उपलब्ध करवाएं। साथ ही उनके अस्पताल आने वाले दंपति को सेवा देने के साथ साथ उनकी रिपोर्टिंग भी सुनिश्चित करेंगी ।

बैठक में डिविजनल स्वास्थ्य सलाहकार मो. इरशाद, डिविजनल एम एंड ई अधिकारी, अर्बन कोऑर्डिनेटर आकाश गौतम, राजेश डिविजनल अकाउंट ऑफिसर, वरिष्ठ प्रबंधक प्रोग्राम-पीएसआई इंडिया शुभ्रा त्रिवेदी, पीएसआई इंडिया के मैनेजर प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन अनिल द्विवेदी, पीएसआई इंडिया टीम से पंकज और सोनल मौजूद रहे।

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