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एपी सेन में स्वामी  विवेकानंद जन्म जयन्ती पर संगोष्ठी  स्वामी मुक्तिनानन्द ने बताया शिक्षा का महत्व

लखनऊ

लखनऊ. ए पी सेन मेमोरियल गर्ल इंटर कालेज में स्वामी विवेकानंद जन्म जयन्ती पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया. आदर्श स मानव सेवा समिति के सहयोग से आयोजित इस संगोष्ठी का शुभारंभ राम कृष्ण मठ के स्वामी 
मुक्तिनाथ नन्द ने किया. इसके अलावा स्टार्ट अप,कौशल विकास, हुनर विकास और जी 20 में भारत की अध्यक्षता पर भी विशेषज्ञों ने विचार व्यक्त किए.कालेज की प्राचार्य
उशोषि घोष ने धन्यावाद ज्ञापित किया. इस अवसर पर प्रो अंशु केडिया, मुरलीधर आहूजा,डीके अवस्थी, पीके घोष,रोहित अग्रवाल सहित शिक्षिकाएं, छात्राएं उपस्थित रहीं. 
समारोह में होनहार छात्राओं को मेडल प्रदान किए गए. कैलेंडर का लोकार्पण किया गया. कालेज के कर्मचरियों को कंबल वितरित किए गए. स्वामी मुक्तिनाथ ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने 
दुनिया को भारत की शाश्वत और मानवतावादी संस्कृति का ज्ञान दिया। विश्व ने विस्मय के साथ उनको सुना। उन्होंने पश्चिमी देशों को बता दिया कि भारत राजनीतिक रूप से परतंत्र हो सकता है, लेकिन विश्व गुरु को सांस्कृतिक रूप से कभी गुलाम नहीं बनाया जा सकता। स्वामी विवेकानन्द के प्रत्येक ध्येय वाक्य भारतीय संस्कृति उद्घोष करने वाले है। उनसे संबंधित समारोह उत्सव से विचारों की प्रेरणा मिलती है। 
विवेकानन्द का स्मरण वैचारिक ऊर्जा का संचार करता है,जिससे अज्ञानता का अंधकार दूर हो जाता है। उन्होंने विश्व में भारत की सांस्कृतिक पताका फैलाई थी। दुनिया को भारत की शाश्वत और मानवतावादी संस्कृति का ज्ञान दिया। 
वक्ताओं ने लखनऊ में हुए जी 20 इवेंट पर भी विचार व्यक्त किए. यह बताया गया कि इस इवेंट में विदेशी अतिथि यहां की सभ्यता संस्कृति से परिचित हुए. प्रभावित हुए. भारत के वसुधैव कुटुम्ब विचार की गूंज दुनिया में हुई. स्टर्ट अप को भी वर्तमान समय की आवश्यकता बतायी गई. य़ह कहा गया कि इससे युवक रोजगार देने वाले बन रहे हैं. हुनर से युवा स्वावलंबी बन रहे हैं. स्वामी विवेकानंद ने भी स्वावलंबन का संदेश दिया था.

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