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बसंत पचंमी पर दी गयी शीत ऋतु काे विदाई, राग बसंत में हुआ कीर्तन 

डीके श्रीवास्तव

आगरा। आयो ऋतुराज साजि पंचमी बसंत, आज मेरे द्रुम अति अनूप अंबरहे फूली…, लाल गोपाल गुलाल हमारी आंखिन में जिन डारो जू, बदन चन्द्रमा नैन चकोरी इन अन्तर जिन पारो जू…जैसे भक्तिमय बसंत के पदों का गान जब राग बसंत पर हुआ तो कटरा हाथी शाह, नाई की मंडी स्थित श्री प्रेमनिधि जी मंदिर परिसर में हर भक्त झूम उठा। 
पीत पोशाक और पीत पुष्पों के श्रंगार में ठाकुर श्याम बिहारी जी के मनमोहक दर्शन कर भक्त निहाल हो रहे थे। 
बुधवार को ऋतुराज बसंत आगमन पर प्राचीन पुष्टिमार्गीय श्री प्रेमनिधि  मंदिर में बसंत पंचमी उत्सव धूमधाम से मनाया गया। मुख्य सेवायत हरिमोहन गोस्वामी ने बताया कि पुष्टिमार्गीय मंदिर में बसंत पंचमी से शीतकालीन साज हटा पर सफेद साज धरा जाता है। 
सेवायत सुनीत गोस्वामी ने बताया कि रांग बसंत के कीर्तन के मध्य ठाकुर जी के समक्ष गेंहू, सरसों की फसल के साथ मंगल कलश सजाया गया। भक्तों के साथ ठाकुर जी ने गुलाल उड़ा कर फाग खेला। बसंत के कीर्तन के बीच जैसे ही रंग गुलाल उड़ा वैष्णव भक्त भाव विभोर हो गए। हर्षाए भक्तों ने श्री ठाकुरजी के जयघोष लगाए और जीवन में सदैव भक्ति के रंग के साथ खुशहाली का बसंत बहार बनाए रखने की मंगल कामनाएं की। 
सेवायत दिनेश पचौरी ने बताया कि मंदिर में बसंत पंचमी से होलिका दहन तक 41 दिवसीय फाग उत्सव मनाया जाएगा, जिसके अन्तर्गत मंदिर में प्रतिदिन विशेष मनोरथ होंगे। 41 दिनों तक सूखे रंग- गुलाल उड़ेंगे वहीं फूलफाग मनोरथ होंगे। बसंत पंचमी उत्सव में आशीष पचौरी, वैष्णवी, सीमा आदि उपस्थित रहीं। 

 कैप्शन− कटरा हाथी शाह, नाई की मंडी स्थित श्री प्रेमनिधि मंदिर में बसंत पंचमी उत्सव में ठाकुर श्याम बिहारी जी के दर्शन कर उमंगित भक्त। 
 

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