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रूस के सामने कमजोर नहीं यूक्रेन! अमेरिका देगा 1 अरब डॉलर की मदद

ज़ेलेंस्की ने मंगलवार रात को राष्ट्र के नाम संदेश में पश्चिमी देशों से और हथियार देने का आग्रह किया, खासकर मिसाइल रोधी रक्षा प्रणाली।

उत्तर अटलांटिक सैन्य गठबंधन (NATO) के रक्षा मंत्री बुधवार से शुरू हो रही दो दिवसीय बैठक में शिरकत कर रहे हैं। इस बैठक में यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति बढ़ाने और स्वीडन एवं फिनलैंड के संगठन में शामिल होने पर चर्चा की जाएगी। यह जानकारी नाटो महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने दी है। स्पेन के मैड्रिड में नाटो नेताओं के सम्मेलन से करीब दो हफ्ते पहले यह बैठक हो रही है और ऐसे समय में हो रही है जब यूक्रेन पश्चिम से उसे और तथा भारी हथियार देने का आग्रह कर रहा है ताकि वह पूर्वी यूक्रेन में रूस के हमले को रोक सके। वहीं अमेरिकी अधिकारी के मुताबिक जो बाइडन भी यूक्रेन को 1 अरब डॉलर की सैन्य सहायता दे सकते हैं।

स्टोलटेनबर्ग ने कहा, “सहयोगी भारी हथियारों और लंबी दूरी की प्रणालियों सहित यूक्रेन को जरूरी सैन्य उपकरण देना जारी रखने को प्रतिबद्ध हैं।” उन्होंने कहा कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की को 29-30 को मैड्रिड में होने वाले सम्मेलन को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। वह व्यक्तिगत रूप से या वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इसे संबोधित कर सकते हैं।

ज़ेलेंस्की ने मंगलवार रात को राष्ट्र के नाम संदेश में पश्चिमी देशों से और हथियार देने का आग्रह किया, खासकर मिसाइल रोधी रक्षा प्रणाली। अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन नाटो के ब्रुसेल्स मुख्यालय में बुधवार को बैठक की मेजबानी कर रहे हैं जिसमें यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति पर चर्चा की जाएगी।

यूक्रेन की उपरक्षा मंत्री हन्ना मलयार ने मंगलवार को कहा कि उनके देश ने जितने हथियारों की मांग की थी, उसका करीब 10 फीसदी ही मिल पाया है। उन्होंने टीवी पर प्रसारित प्रेस वार्ता में कहा, “ यूक्रेन चाहे कितनी ही कोशिश कर ले, हमारी सेना कितनी ही पेशेवर क्यों न हो, लेकिन हम पश्चिमी साझेदारों की मदद के बिना जीत नहीं पाएंगे।” मालयार ने कहा कि यूक्रेन एक दिन में तोपों से पांच-छह हजार गोले दागता है जबकि रूस की सेना इससे 10 गुना ज्यादा गोले दागती है।cc

नाटो की बैठक में मंत्री अपने समकक्षों से यूक्रेन के साथ-साथ जॉर्जिया, स्वीडन, फिनलैंड एवं यूरोपीय संघ के बारे में बातचीत करेंगे। स्टोलटेनबर्ग ने कहा, “यह रक्षा मंत्री (ओलेक्सी) रेजनिकोव के लिए एक अवसर होगा कि वह हमें इस बात से अवगत कराएं कि यूक्रेन को तत्काल क्या चाहिए।”

उन्होंने कहा कि वह स्वीडन और फिनलैंड के नाटो में शामिल होने की समय सीमा नहीं बता सकते हैं। दरअसल, दोनों मुल्कों के गठबंधन में शामिल होने का तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन विरोध कर रहे हैं, क्योंकि वे कुर्दिश उग्रवादियों का समर्थन करते हैं जिन्हें तुर्की आतंकवादी मानता है।

स्टोलटेनबर्ग ने कहा, “मेरा उद्देश्य इस मुद्दे को जल्द से जल्द हल करना है। चूंकि इस प्रक्रिया में कई राष्ट्र शामिल हैं, इसलिए आपको यह सटीक तौर पर नहीं बताया जा सकता है कि हम इसे कब तक हल कर लेंगे।” उन्होंने कहा, “ तुर्की की चिंता की वजह से उम्मीद से कुछ ज्यादा वक्त लग सकता है।”

एर्दोआन ने बुधवार को इस मुद्दे पर नरम नहीं पड़ने का संकेत दिया है। उन्होंने अपने सांसदों को संबोधित करते हुए कहा, “ हम निश्चित रूप से तब तक अपना रुख नहीं बदलेंगे जबतक स्वीडन एवं फिनलैंड अपना रुख साफ नहीं करते हैं और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में ठोस कदम नहीं उठाते हैं।”

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