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नैक मानको में राज्यपाल ने मांगी जानकारी

लखनऊ

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आज यहाँ राजभवन में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय, लखनऊ की नैक ग्रेडिंग हेतु तैयार सेल्फ स्टडी रिपोर्ट की समीक्षा की। विश्वविद्यालय द्वारा पहली बार नैक के लिए तैयारी की जा रही है। राज्यपाल के दिशा निर्देशन में विश्वविद्यालय द्वारा आज से पूर्व भी विभिन्न बैठकों में मार्गदर्शन प्राप्त किया जा चुका है।
        राज्यपाल जी ने एस.एस.आर. दाखिल करने हेतु विश्वविद्यालय की तैयारियों की समग्र जानकारी लेते हुए रिपोर्ट के प्रत्येक क्राइटेरिया की बिंदुवार समीक्षा की। उन्होंने प्रत्येक क्राइटेरिया हेड से नैक मानको में मांगी गई जानकारी के अनुसार विवरण अंकित करने, प्रत्येक विवरण के साथ समुचित फोटो प्रमाण संलग्न करने, फोटो में प्रदर्शित गतिविधि का उल्लेख कैप्शन में आवश्यक रूप से करने को कहा। उन्होंने विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एन.बी. सिंह को विशेष रूप से निर्देशित करते हुए एस.एस.आर. के प्रत्येक बिन्दु पर सुदृढ़ तैयारी करने को कहा। उन्होंने कहा कुलपति स्वयं प्रत्येक क्राइटेरिया हेड के साथ बैठकर तैयारी का अवलोकन करें।
            राज्यपाल जी ने बैठक में निर्देशित किया कि टीम के सभी सदस्य एक साथ बैठकर तैयार रिपोर्ट का अवलोकन करें, जिससे फोटोग्राफ की पुनरावृत्ति न हो और सदस्य अन्य क्राइटेरिया के बिन्दुओं पर भी अपेक्षित सुझाव देकर रिपोर्ट को सुदृढ़ करने में अपना सहयोग दे सकें।
            विविध बिन्दुओं पर समीक्षा के दौरान राज्यपाल जी ने विश्वविद्यालय में मैंटोर-मेंटी प्रोग्राम का परिणाम, नैक के लिए संचालित प्रक्रिया और गतिविधियों में विद्यार्थियों को प्रतिभागिता के लिए जानकारी प्रदान करना, एक्टेंशन गतिविधियों के मानक में विश्वविद्यालय के बाहर की गतिविधियों का विवरण जोड़ना संतृप्त आंगनवाड़ी केन्द्रों में हुए सकारात्मक बदलाव और उनके परिणाम का अंकन जैसे कई महावपूर्ण सुझावों पर जोर दिया और विस्तार से रिपोर्ट में सुधार करने की चर्चा की।
           लम्बी चली समीक्षा बैठक में राज्यपाल जी ने पूर्व समीक्षा बैठकों में दिए निर्देशों का समुचित अनुपालन न किए जाने पर रोष प्रकट किया। उन्होने कहा सातवें क्राइटेरिया में बेस्ट प्रैक्टिस के विवरण में विविधता रखें। उन्होंने इसी क्रम में बाल पाठशाला की विविध गतिविधियों का पुष्ट विवरण, गाँवो में सहायता, साड़ी बैंक, वैक्सीनेशन, पोषण वितरण जैसी विश्वविद्यालय की विविध गतिविधियों को भी बेस्ट प्रैक्टिस में जोड़ने का सुझाव दिया। उन्हांेने कहा बेस्ट प्रैक्टिस अद्वितीय और अन्यतम बनाएं, जिसका उदाहरण प्रस्तुत किया जा सके। राज्यपाल जी ने तीसरे और सातवें क्राइटेरिया में विशेष सुधार करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
            इस अवसर पर बैठक में अपर मुख्य सचिव राज्यपाल डॉ. सुधीर महादेव बोबडे, विशेष कार्याधिकारी शिक्षा डॉ. पंकज जानी, विश्वविद्यालय की नैक टीम के सभी सदस्य तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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