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बीजेपी नेता एसपी सिंह बघेल के जाति प्रमाण पत्र पर उठे सवाल, बघेल बोले- चुनावी मुद्दा

धर्मेंद्र सिंह

आगरा लोकसभा  सुरक्षित सीट से बीजेपी उम्मीदवार एसपी सिंह बघेल का जाति प्रमाण पत्र एक बार फिर सुर्खियों में है। उनके जाति प्रमाण पत्र को फर्जी बताते हुए डॉ. आंबेडकर सेवा ट्रस्ट के अनिल सोनी ने मंडलायुक्त से शिकायत की है। सोनी ने मंडलायुक्त से स्क्रूटनी कमेटी बनाए जाने की मांग की है। सोनी का कहना है कि एसपी सिंह बघेल ने तीन बार अपनी जातियां बदली हैं। पढ़ाई के दौरान वे ठाकुर जाति के थे। नौकरी पिछड़ी जाति से पाई। अब चुनाव अनुसूचित जाति से लड़ रहे हैं। लोकसभा चुनाव 2024 के लिए आगरा में 7 मई को मतदान होगा। आगरा में फतेहपुर सीकरी और शहरी सीट पर 19 अप्रैल तक नामांकन किया जा सकता है। गुरुवार को फतेहपुर सीकरी सीट से राजकुमार चाहर ने बीजेपी से नामांकन किया। गठबंधन (कांग्रेस) से रामनाथ सिकरवार और आगरा सुरक्षित शहरी सीट से समाजवादी पार्टी के सुरेश कर्दम ने अपना नामाकंन किया है। एसपी सिंह बघेल 15 अप्रैल को सुरक्षित सीट से नामांकन कर चुके हैं। लगभग सभी मुख्य पार्टियों के प्रत्याशियों ने दोनों सीटों से नामांकन कर दिए हैं।

प्रताप नगर अलकापुरी के रहने वाले अनिल सोनी का आरोप है कि एसपी सिंह बघेल पुत्र रामभरोसे ने 11वीं कक्षा की पढ़ाई मध्य प्रदेश छतरपुर जिले के राजकीय उच्चतर माध्यमिक स्कूल से की है। उनके शैक्षिणिक रिकॉर्ड में जन्मतिथि 21 जून 1960 और जाति के कॉलम में ठाकुर अंकित है। 10वीं की पढ़ाई अशोक एचएसएस स्कूल से की है। उनकी छात्र रजिस्‍ट्रेशन संख्या में इसका उल्लेख है। एसपी सिंह बघेल ने 2015-16 में आगरा कालेज के सैन्य अध्ययन विभाग में पिछड़ा वर्ग के कोर्ट में शिक्षक की नौकरी है। आरोप है कि उन्‍होंने राजनैतिक फायदे के लिए 4 फरवरी 2016 में प्रशासनिक अधिकारियों से साठगांठ करके अनुसूचित जाति का फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवा लिया।

अनिल सोनी का आरोप है कि एसपी सिंह बघेल ने जाति प्रमाण पत्र पर धनगर शब्द लिखाकर अनुसूचित जाति आयोग के जिस वर्णन का जिक्र किया है। उसे आयोग ने स्वयं ही रिव्यू कर लिया था। एसपी सिंह ने अपनी जाति धनगर बताई है, जबकि धनगर कोई जाति नहीं है। उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में धनगड़ जाति पाई जाति है। जिसकी अंग्रेजी की स्पेलिंग धनगर से मिलती है। इसी आधार पर एसपी सिंह बघेल ने फर्जी तरीके से अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र जारी करवा लिया है। वे पिछड़ी जाति के हैं। तीन बार पिछड़ी जाति का शपथ पत्र देकर जलेसर लोकसभा से चुनाव लडकऱ सांसद बन चुके हैं। अनिल सोनी का कहना है कि वे 38 प्रमाण पत्रों को निरस्त करा चुके हैं। ये आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद, बरेली आदि में बने थे।

बीजेपी उम्मीदवार एसपी सिंह बघेल का कहना है कि हर बार चुनाव के दौरान ही शिकायतें की जाती हैं। इससे पूर्व भी 2017 और 2019 में शिकायतें हुई, लेकिन पूरे 5 साल निकलने बाद ही लोग शिकायतें करते हैं। कमिश्नर की स्क्रूटनी कमेटी ने मेरे जाति प्रमाण पत्र को वैध माना है। पिछला चुनाव भी मैंने इसी जाति प्रमाण पत्र पर लड़ा है।

अनिल सोनी ने दावा किया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार प्रत्येक जिले में एमपी, एमएलए कोर्ट बनी हैं। सांसद, विधायकों पर दर्ज होने वाले केस एक साल के भीतर निस्तारित कराए जाएंगे। वह एसपी सिंह बघेल के खिलाफ धारा 420, 467,468, के तहत केस दर्ज कराएंगे। एक साल के भीतर उनके जाति प्रमाण पत्र को निरस्त कराएंगे।

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