सदकर्म व्यक्ति के जीवन का रक्षा कवच : डा दिनेश शर्मा
सनातन की परम्परा को उंचा करने से जीवन होगा बेहतर

गाजियाबाद जनपद /लखनऊ । राज्यसभा सांसद एवं यूपी के पूर्व उपमुख्यमंत्री डा दिनेश शर्मा ने अखिल भारतीय ब्राह्मण सभा (रा) द्वारा डासना, गाजियाबाद में आयोजित बुद्धिजीवी सम्मेलन एवं छठ पूजा तथा भागवत कथा के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सदकर्म किसी भी व्यक्ति के जीवन के रक्षा कवच की तरह होते हैं। भगवान को केवल दुख के समय में ही नहीं बल्कि सुख के समय में भी याद करना चाहिए।
सांसद ने कहा कि किसी भी दिन किसी भी समय भगवान का स्मरण व्यक्ति और ईश्वर के बीच की दूरी को कम करता है। जहां पर संत हैं वहां बसंत है और जहां पर बसंत है वहीं पर दुखों का अन्त है।
डा शर्मा ने कहा कि व्यास पीठ से कथा को सुनने से और ईश्वर का स्मरण करने से यदि कोई गलती से भी पाप हो गया हो तो वह भी दूर होते हैं। मनुष्य के जीवन में व्यक्ति रोते हुए आता है और फिर जीवनभर जो नहीं मिला उसके लिए रोता है शिकायत करता है और जब इस जन्म को छोडता है तो जिसके लिए अपनी जिंदगी वह चिंता करता है वह उसके सगे सम्बन्धी ही उसे चिता में अग्नि देकर रोते हुए विदा कर देते हैं। जीवन का कटु सत्य यही है कि जो वर्तमान में जीवन को जीता है और वर्तमान में संतुष्ट रहता है, भूतकाल के बारे में नहीं सोंचता है भविष्य की चिंता नहीं करता उसका ही जीवन अच्छा रहता है। वर्तमान को अच्छा रखने के लिए ईश्वर का ध्यान करना चाहिए जिससे व्यक्ति के अन्दर के अवगुण समाप्त हो जाएंगे। अवगुण समाप्त होंगे तो लोग आपस में स्नेह के साथ रहेंगे। पतंग का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि माता पिता जीवन में पतंग की डोर की तरह है। अगर ये डोर टूट जाए तो पतंग की तरह इंसान भी जमीन पर आ जाएगा। घर में रिश्तों का सम्मान करना चाहिए।
भगवान कृष्ण द्वारा कालिया नाग के मान मर्दन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा करके भगवान ने कालिया नाग के प्रति लोगों के मन में बैठे डर को निकालने का काम किया था। उसके सर पर पैर रखकर इसलिए बाहर आए कि वहां एकत्रित जन समूह के मन से उसका भय दूर हो जाए इसी प्रकार से मुख्यमंत्री योगी जी ने भी माफिया का मार्ग मान मर्दन करके जनता को भय मुक्ति किया है समाज में मौजूद अधर्मी लोगों से भी डरने की जरूरूत नहीं है। सनातन की परम्परा को ऊंचा करने का प्रयास करना चाहिए जिससे जीवन अपने आप बेहतर हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि राम कण कण में व्याप्त हैं। जिस प्रकार से हिरन कस्तूरी को जंगल में खोजता है जबकि सुगंध उसी की नाभि में है उसी प्रकार मानव भी भगवान को खोजता रहता है पर भगवान तो रोम रोम में व्याप्त है। जहां सत्य , धर्म , परिवार की एकता , बुजुर्गो का सम्मान , दान और सद्कर्म है वहां पर राम हैं। राम का नाम राम से भी बडा है और जो राम का नाम लेता है उसका कोई कुछ नहीं बिगाड सकता है। कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जिला गाजियाबाद श्री हिमांशु शर्मा, अखिल भारतीय ब्राह्मण सभा(रा) के अध्यक्ष श्री राजेंद्र त्रिपाठी, कार्यक्रम के आयोजक प्रदीप शर्मा, श्री रवि सोनी, पूर्व सदस्य विधान परिषद श्री सुरेश कश्यप, सामाजिक कार्यकर्ता श्री साविंदर भाटी ,श्री हितेश गुर्जर, श्री जितेंद्र सिंघल, श्री दिनेश शर्मा तथा भारी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे छठ के पावन पर्व पर छठ मैया की जय किनारे से पूरा पंडाल गूंज रहा था।



