
धरती आबा ने ब्रिटिश सत्ता के विरुद्ध अपना देश अपना शासन का उद्घोष किया था। यह ब्रिटिश सत्ता को उनकी सीधी चुनौती थी। इसके लिए उन्होंने अपना जीवन बलिदान किया। ऐसी महान विभूति की जन्म जयंती देश में जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाई जाती है। उन्होंने अग्रेजों के विरुद्ध जो नारा दिया था, वह स्वतंत्रता के साथ ही सुशासन का का संकल्प था। आज यह सपना साकार हो रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनजातीय बहुल सोनभद्र जनपद को जनजातीय गौरव दिवस पर विकास की सौगात दी। उन्होंने बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर आयोजित जनजातीय गौरव दिवस पर सोनभद्र को करीब साढ़े पांच सौ करोड़ रुपए की सौगात दी। अनेक योजनाओं की उदघाटन और शिलान्यास किया। जिन परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया गया, उनमें ग्रामीण सड़कों का निर्माण और चौड़ीकरण, पुलों-पुलियों का विकास, पेयजल आपूर्ति का विस्तार, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का सुदृढ़ीकरण, स्मार्ट क्लासरूम की स्थापना, विद्यालयों का आधुनिकीकरण, सिंचाई सुविधाओं का विस्तार और पर्यटन स्थलों के विकास जैसी अनेक महत्वपूर्ण योजनाएँ शामिल हैं। इन परियोजनाओं के पूर्ण होने पर सोनभद्र के दूरस्थ व जनजातीय क्षेत्रों में न केवल कनेक्टिविटी बेहतर होगी, बल्कि रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और सामाजिक आर्थिक संरचना भी मजबूत होगी।मुख्यमंत्री ने कहा कि धरती आबा बिरसा मुंडा का संदेश ‘अबुआ देश,अबुआ राज’ आज के नए भारत में ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना के रूप में प्रकट हो रहा है। जन्मजयंती पर उनके स्मरण के साथ ही जनजातीय समुदाय को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने का अवसर भी है। सोनभद्र
ऊर्जा राजधानी है। मानव इतिहास और प्रकृति की अद्भुत धरोहर का भी केंद्र है। सलखन फॉसिल पार्क में एक सौ चालीस करोड़ वर्ष पुराने जीवाश्मों के अवशेष विश्व यूनेस्को विश्व धरोहर की सूची में शामिल है। शिवद्वार पंचमुखी महादेव,ज्वालामुखी शक्तिपीठ, हाथी नाला और बायोडायवर्सिटी पार्क जैसे धार्मिक और प्राकृतिक स्थल यहां स्पिरिचुअल और इको-टूरिज्म की दृष्टि से आकर्षण के केंद्र हैं। उत्तर प्रदेश में पाई जाने वाली पंद्रह जनजातियों में से चौदह जनजातियां अकेले सोनभद्र में निवास करती हैं। इनकी जनसंख्या चार लाख से अधिक है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान सोनभद्र ने करीब दो लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। इन परियोजनाओं के लागू होने से विकास को नई दिशा मिलेगी। हजारों युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे। कनहर सिंचाई परियोजना से पैंतीस हजार हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई की सुविधा मिलेगी। हजारों किसानों को लाभ मिलेगा। एक मेडिकल कॉलेज शुरू हो गया है।



