उत्तर प्रदेश

दीक्षांत समारोह में जीवन दर्शन

डॉ दिलीप अग्निहोत्री

उच्च शिक्षा के बाद दीक्षांत समारोह का मार्गदर्शक महत्व है। विद्यार्थी जीवन का एक पड़ाव पूर्ण होता है। नई यात्रा,नई पारी का शुभारंभ होता है। प्राचीन भारत के गुरुकुलों में भी यही परम्परा थी। तब शिक्षा केवल जीवकोपार्जन के साधन मात्र नहीं थी। बल्कि शिक्षा संस्कार का माध्यम थी। संस्कार विहीन शिक्षा को निरर्थक माना गया। क्योंकि इससे विद्यार्थी और समाज दोनों का अहित होता है। गुरुकुल के
समावर्तन समारोह का आधुनिक रूप
दीक्षांत है। दीक्षांत समारोह में नैतिक मार्ग के अनुसरण का ही संदेश दिया जाता है। बाबू बनारसी दास विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसमें दीक्षांत संबोधन दिया। इसमें भारत की प्राचीन परम्परा और जीवन मूल्यों का संदेश था। उन्होंने संस्कृति का श्लोक उद्धृत किया,
अमन्त्रमक्षरं नास्ति नास्ति, मूलमनौषधम्
अयोग्यः पुरुषो नास्ति, योजकस्तत्र दुर्लभः ॥
अर्थात बिना मन्त्र शक्ति के कोई अक्षर नहीं ,बिना औषधि गुण के कोई पौधा नहीं; बिना गुण के कोई व्यक्ति नहीं;परन्तु ऐसे व्यक्ति दुर्लभ हैं,जो हर वस्तु में गुणों को देख उन्हें उपयोग में ला सके।
इस विरासत के साथ आधुनिक युग में भी निरंतर प्रगति की जा सकती है। इस दीक्षांत संबोधन में
आधुनिक तकनीक को स्वीकार करते हुए आगे बढ़ने की प्रेरणा थी। इसके अनुचित प्रयोग से बचने की चेतावनी भी थी। समाज के प्रति दायित्व बोध पर बल दिया गया। ईमानदारी,मेहनत और निष्ठा के साथ जीवन पथ पर अग्रसर होने की कामना भी थी। योगी आदित्यनाथ ने संकल्प से सिद्धि के प्रमाण भी दिए। व्यक्तिगत और समाज जीवन में समस्याएं आती रहती है। तब दो मार्ग ही दिखाई देते है। एक समस्या में उलझने का होता है। दूसरा मार्ग समाधान की दिशा में ले जाता है। इस दूसरे मार्ग पर ही चलने का संकल्प लेना चाहिए। इच्छाशक्ति के साथ आगे बढ़ने से यह संकल्प सिद्ध होता है। समस्या का समाधान होता है। ज्ञान के बल ही भारत विश्वगुरु बना था। तब दुनिया भारत का अनुसरण करती थी। लेकिन जब हमारा आत्मगौरव और राष्ट्रीय स्वाभिमान कमजोर हुआ, तब हम दूसरों का अनुसरण करने लगे। इससे विकृति आई। लेकिन भारत एक बार फिर राष्ट्रीय स्वाभिमान का परिचय देने लगा है। यही कारण है कि दुनिया में हमारा महत्व निरंतर बढ़ रहा है। खेलो इंडिया,
फिट इंडिया मूवमेंट, सांसद खेलकूद प्रतियोगिता के माध्यम से खेलों के प्रति जागृति आई है। संसाधनों की व्यापक व्यवस्था की जा रही है। आधुनिक तकनीक में भी पीछे नहीं रहना है। प्रदेश में एआई,डाटा सेंटर, इमर्जिंग टेक्नोलॉजी रोबोटिक ड्रोन टेक्नोलॉजी का निरंतर विकास हो रहा है।

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