उत्तर प्रदेश

एक भारत श्रेष्ठ भारत

डॉ दिलीप अग्निहोत्री

राष्ट्रीय गौरव गौरव की दृष्टि से इस पखवारे में ऐतिहासिक संयोग बना। इस अवधि में बल्लभ भाई पटेल और धरती आबा बिरसा मुंडा की 150वीं जन्मजयंती का अवसर आया। और वंदे मातरम गीत की रचना के भी 150 वर्ष पूरे हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर इस दिवस को स्मरणोत्सव के रूप में मनाया गया।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भारतरत्न लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल के 150वें जयन्ती वर्ष में गुजरात स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी एकता नगर के समारोह में सम्मिलित हुए। उनके साथ प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक भी थे।
एक भारत श्रेष्ठ भारत को समर्पित एवं देखो अपना देश का आयोजन किया गया था। भारत पर्व
में उत्तर प्रदेश की विशेष सांस्कृतिक प्रस्तुति कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।
धरती आबा बिरसा मुण्डा द्वारा भारत की स्वाधीनता के लिए चलाये गये अभियान के कारण तत्कालीन ब्रिटिश सरकार ने उन्हें गिरफ्तार किया था। देश की स्वतन्त्रता के प्रति समर्पित भगवान बिरसा मुण्डा ने मात्र पच्चीस वर्ष की अवस्था में रांची कारगर में उनका निधन हुआ। उन्होंने जनजातीय समुदाय को अपना देश अपना राज का नारा दिया था। उत्तर प्रदेश में जनजाति समुदाय के कल्याण की दिशा व्यापक कार्य किए जा रहे है। जनजातीय गौरव पखवाड़ा के अंतर्गत विकास कार्यों को आगे बढ़ाने का कार्य संचालित किया जा रहा है। इसमें जनजातीय समुदाय को अनेक क्षेत्रों में अवसर उपलब्ध होंगे। शासन की सभी प्रकार की
योजनाओं से उनको लाभान्वित किया जाएगा। प्रदेश में थारू,मुसहर चेरो, बुक्सा,सहरिया, कोल तथा गोंड आदि जनजातियां हैं। उन्हें विकास की योजनाओं से जोड़ने के साथ-साथ बेहतर कनेक्टिविटी, बिजली,पेयजल, पेंशन,राशन कार्ड, स्वास्थ्य के लिए आयुष्मान भारत की स्कीम आदि सुविधाओं से भी आच्छादित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री जनमन योजना के माध्यम से जनजातीय
समुदाय के लिए देश में अनेक कार्यक्रम प्रारम्भ किए गए हैं उत्तर प्रदेश में धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’ के अन्तर्गत छब्बीस जनपदों के सैंतीस ब्लॉक व पांच सौ से अधिक गांवों को चिन्हित किया गया है। जनजातीय बाहुल्य ग्रामों में इन्फ्रास्ट्रक्चर को बेहतर
करने के लिए सड़क, पुल,नाली का निर्माण कराया जा रहा है।जनजातीय छात्र-छात्राओं हेतु नौ राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय लखीमपुर
खीरी,बलरामपुर, बहराइच, महराजगंज,श्रावस्ती एवं बिजनौर में संचालित हैं।अनुसूचित जनजाति के छात्र-छात्राओं हेतु छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना संचालित है। जनजातीय छात्र-छात्राओं हेतु नौ राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय जनपद लखीमपुर खीरी,बलरामपुर, बहराइच, महराजगंज,श्रावस्ती एवं बिजनौर में संचालित हैं। जनजातीय छात्रों को निःशुल्क आवासीय सुविधा प्रदान किए जाने हेतु दो छात्रावासों का संचालन किया जा रहा है। लखीमपुर खीरी एवं चन्दौली में दो-दो तथा मिर्जापुर, बलिया, गोरखपुर, सोनभद्र में एक-एक सहित कुल आठ छात्रावास निर्माणाधीन हैं। जनजातीय छात्रों हेतु जनपद लखीमपुर खीरी,बहराइच तथा सोनभद्र में सहशिक्षा एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय संचालित है। अनुसूचित जनजाति एवं वन में निवास करने वाले परम्परागत वन निवासियों को भू अधिकार पत्र दिए गए हैं। वनाधिकार अधिनियम के अन्तर्गत स्वीकृत दावों को राजस्व अभिलेखों में भी दर्ज किया जा रहा है।
बल्लभ भाई पटेल जयंती के अवसर पर अहमदाबाद में भी उत्तर प्रदेश के सांस्कृतिक और आर्थिक विकास की झलक विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से दिखाई दी। यहां योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वल्लभ भाई पटेल अखण्ड भारत के शिल्पी थे। ब्रिटिशर्स नहीं चाहते थे कि भारत एक रहे। उन्होंने शरारतपूर्ण तरीके से देश का विभाजन भारत और पाकिस्तान के रूप में किया। उनकी मंशा यह भी थी कि भारत को कई टुकड़ों में बांट दिया जाए, जिससे यह ब्रिटेन पर निर्भर बना रहे। लेकिन वल्लभ भाई पटेल ने अपनी दूरदर्शिता से भारत को अखण्ड बनाये रखा। उन्होंने पांच सौ तिरसठ देशी रियासतों को भारत गणराज्य का हिस्सा बनाकर एक भारत के रूप में बनाये रखा। विगत कुछ वर्षों से उसी एक भारत को श्रेष्ठ भारत बनते हुए सभी लोग
देख रहे हैं। नया भारत देश की सुरक्षा, सम्प्रभुता और अखण्डता के साथ कोई समझौता नहीं करता है। समारोह में उत्तर प्रदेश की समृद्ध संस्कृति,लोक कला, संगीत तथा पारम्परिक व्यंजनों का अद्भुत संगम प्रस्तुत किया गया है। साथ ही, ब्रज की रसधारा, अवध की विरासत, बुन्देलखण्ड की वीरता और पूर्वांचल की लोकधुनों पर आधारित सांस्कृतिक प्रस्तुतियां की गयीं। इसी प्रकार वंदे मातरम रचना के डेढ़ सौ वर्ष पूरे होने पर पूरे देश में उत्सव मनाया गया था। उस समारोह में योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि राष्ट्रगीत ‘वन्दे मातरम्’ भारत की भक्ति व शक्ति की सामूहिक तथा शाश्वत अभिव्यक्ति का स्वरूप है। यह स्वतंत्रता आन्दोलन के दौरान अमर मंत्र बना था। यह वही भाव है,जो वैदिक वाक्य ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ से प्रकट होता है। राष्ट्र प्रथम के भाव के साथ हम सब की सामूहिक अभिव्यक्ति राष्ट्र माता के प्रति होनी चाहिए।

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