करवा चौथ का शुभ मुहूर्त, पूजा की विधि, चांद निकलने का समय सहित जानें हर जरुरी बात
इस वर्ष करवा चौथ का व्रत कृतिका नक्षत्र और सिद्ध योग में किया जाएगा। करवा चौथ का उपवास सुबह से शाम तक चलता है और चंद्रमा को देखने के बाद ही तोड़ा जाता है। इस त्योहार में चंद्रोदय सबसे महत्वपूर्ण है। करवा चौथ के व्रत में अखंड सुहाग के लिए सुहागिनें भगवान शिव-पार्वती, स्वामी कार्तिक और चंद्रमा का पूजन करती हैं।
- कृतिका नक्षत्र-सिद्ध योग में सुहागिनें करेंगी चंद्र पूजन
- ज्योतिषाचार्यों के अनुसार कार्तिक कृष्ण चतुर्थी तिथि 13 अक्टूबर की भोर 2:04 बजे लग रही है
- करवाचौथ के दिन शाम में रोहिणी नक्षत्र 6 बजकर 41 मिनट पर लग रहा है
नई दिल्ली, जेएनएन। इस साल 13 अक्टूबर को करवा चौथ का व्रत रखा जाएगा। ये व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं। इस व्रत में महिलाएं अन्न और जल कुछ भी ग्रहण नहीं करती हैं। शाम के समय स्त्रियां सोलह ऋंगार कर मां पावर्ती के स्वरूप चौथ माता की पूजा करती हैं। व्रत की कथा सुनती हैं और फिर चांद के निकलने का इंतजार करती हैं। दिन भर नीराजल व्रत रखने के बाद, यदि चंद्रमा की पूजा की जाए तो दांपत्य जीवन के लिए बेहद शुभ और फलदायी साबित होगा।