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इनड्राइव ने आगरा में बच्चों को द फ्यूचर ऑफ मोबिलिटी वर्कशॉप में दी ट्रेनिंग

संजय साग़र

आगरा। 2012 में इनड्राइव द्वारा शुरू किए गए एक सोशल एजुकेशनल प्रोग्राम, बिगिनआईटी ने आगरा में ग्रामीण स्कूलों के बच्चों के लिए एक दिवसीय इंर्फोमेशन टेक्नोलॉजी (आईटी) स्किल वर्कशॉप का आयोजन किया। 

इस वर्कशॉप का लक्ष्य बच्चों को फोर व्हील रोबोटिक्स के विभिन्न मेकेनिज्म और उनकी प्रोग्रामिंग के बारे में सिखाना था। बिगिनआईटी प्रोग्राम दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती ऑनलाइन राइड-हेलिंग सेवा इनड्राइव की एक पहल है। कार्यक्रम का उद्देश्य नई टेक्नोलॉजी के उपयोग की समझ रखने वाले अनाथालयों, बोर्डिंग स्कूलों और ग्रामीण स्कूलों के सक्षम बच्चों को पहचान कर और उनका मार्गदर्शन करना है। इसका लक्ष्य इंटलेक्चुअल प्रोडक्शन में बच्चों की रुचि जगाना, व्यक्तिगत विकास को बढ़ावा देना और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भविष्य के बारे करियर गाइडेंस प्रदान करना है। आज, बिगिनआईटी ने दुनिया भर के 15 देशों के 1,300 से अधिक पार्टिसिपेंट्स के साथ जुड़ा हुआ है। भारत में 3 ग्रामीण स्कूलों  लोकद्रश पब्लिक स्कूल, महर्षि परशुराम शिक्षण संस्थान एका फिरोजाबाद और कस्तूरबा गांधी अबसी बालिका विद्यालय, फिरोजाबाद, आगरा से बिगिनआईटी परियोजना में 42 छात्र भाग ले रहे हैं।
आज इन 42 छात्रों ने रोबोमेनिया वर्कशॉप में भाग लिया, जो कि एक एडटेक कंपनी टिंकरली के साथ आयोजित की गई थी। यह कंपनी स्कूली उम्र के बच्चों को रोबोटिक्स, एआई, कोडिंग और आईओटी सीखने में मदद करती है। 

इनड्राइव साउथ एशिया पीआर मैनेजर, पवित नंदा आनंद ने कहा, "हमारे बिगिनआईटी  प्रोजेक्ट के माध्यम से, हम छोटे बच्चों को टेक्नोलॉजी से जोड़ने की कोशिश करते हैं ताकि उनकी समस्या सुलझाने की (प्रॉब्लम सॉल्विंग) स्किल को प्रोत्साहित किया जा सके और उन्हें भविष्य के लिए तैयार किया जा सके। हमने बच्चों के लिए एक मजेदार लर्निंग वर्कशॉप का आयोजन किया जहां उन्होंने सीखा कि कैसे स्क्रैच से स्मार्ट वाहन बनाना है। इस गतिविधि ने बच्चों को ट्रांसपोटेशन और ऑटोमोबाइल पर अपने ज्ञान को बढ़ाने में मदद की और उम्मीद है कि इससे नई जनरेशन के इंजीनियरों, डिजाइनरों और क्रिएटिव को तैयार करने में मदद मिलेगी। उन्होंने ट्रांसपोर्टेशन के भविष्य पर फोकस्ड एसटीईएम आधारित प्रोग्राम को लागू करना सीखा।"
ट्रेनिंग सेशन के दौरान, बच्चों ने डिजाइनिंग, कांसेप्ट, माइक्रोकंट्रोलर और सेंसर के साथ काम करने के बारे में सीखा, उदाहरण के लिए, ड्राइवरलेस कार। बिगिनआईटी का उद्देश्य बच्चों के व्यक्तिगत विकास में योगदान देना, उनकी सामाजिक आर्थिक पृष्ठभूमि के बावजूद उनके लिए टेक्नोलॉजी को दिलचस्प और सुलभ बनाने के साथ ही भविष्य के प्रोफेशन के प्रति उनकी पसंद को प्रभावित करना और उनका मार्गदर्शन करना है। 2022 तक, रूस, कजाकिस्तान, ब्राजील, मैक्सिको, कोलंबिया, इक्वाडोर, दक्षिण अफ्रीका, तंजानिया, केन्या, नाइजीरिया, पेरू, इंडोनेशिया और एसटीईएम सीखने को आसान बनाना है। बिगिनआईटी के साथ यह पार्टनरशिप हमें विश्व स्तरीय रोबोटिक्स शिक्षा के साथ अंडर प्रिवलेज छात्रों की सेवा करने में सक्षम बनाती है जहां वे सीख सकते भारत के 127 अनाथालय, शेल्टर और दूरस्थ ग्रामीण स्कूल बिगिनआईटी प्रोजेक्ट से जुड़े हुए हैं।
 
टिंकरली के को-फाउंडर और सीईओ शरद बंसल ने कहा "टिंकरली का विजन हैं कि STEM लर्निंग को किस तरह आसान बनाया जाए। वर्कशॉप में रोबोटिक्स का इंट्रोडक्शन, शुरुआती कारों की तुलना और आज की दुनिया में वे क्या होंगे, इसकी अंतर को समझना शामिल था। सत्र के अंत में, सभी बच्चों ने एक लोकप्रिय माइक्रोकंट्रोलर बोर्ड अरडिनो का उपयोग करके अपनी स्वयं की ड्राइवरलेस व्हीकल को बनाया और उसे प्रोग्राम भी किया।

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