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अटेवा ने पुरानी पेंशन बहाली को लेकर फतेहपुर सीकरी सांसद की बजाई घंटी

वी एन मिश्र

आगरा! अटेवा / एनएमओपीएस के राष्ट्रीय नेतृत्व के निर्देशानुसार दिनांक 01 अगस्त से 30 अगस्त तक पूरे प्रदेश में माननीय सांसदों के आवास पर घंटी बजाओ कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में अटेवा पेंशन बचाओ मंच, आगरा में भी जिला संयोजक जुग्गी लाल वर्मा के नेतृत्व में जनपद के शिक्षकों ,कर्मचारियों एवं विभिन्न संगठन के पदाधिकारियों ने फतेहपुर सीकरी के सांसद राजकुमार चाहर के आवास पर घंटी बजाकर पुरानी पेंशन बहाली एवं निजीकरण बन्द करवाने हेतु माननीय प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा और उनसे पुरानी पेंशन को लागू करने की आवश्यकता तथा नई पेंशन स्कीम की विसंगतियों के बारे में विस्तार से चर्चा की तथा इस विषय को भारत सरकार के सम्मुख रखने का अनुरोध किया।
जिला संयोजक अटेवा जुग्गी लाल वर्मा ने बताया कि अटेवा विगत कई वर्षो से शिक्षकों/ कर्मचारियों के बुढ़ापे की लाठी' पुरानी पेंशन की बहाली हेतु संघर्षरत है। आज यह लड़ाई एनएमओपीएस के वैनर तले पूरे देश में चल रही है । अभी हाल में प्राथमिक विद्यालय अटा,जगनेर में कार्यरत शिक्षिका श्रीदेवी नवीन पेंशन योजना से 31 मार्च 2023 को 98000 से अधिक वेतन से सेवानिवृत्त हुई और माह अप्रैल 2023 में नवीन पेंशन स्कीम के तहत पेंशन शून्य है। श्रीदेवी की नवीन पेंशन के तहत कोई कटौती नही हुई थी। जिससे देश के लाखों शिक्षकों और कर्मचारियों का भविष्य अंधकारमय हो गया है। अटेवा 2024 के पहले पूरे देश में पुरानी पेंशन बहाली हेतु संकल्पबद्ध हैं ।
जिला महामंत्री लेखराज सिंह कुशवाह ने कहा कि सांसद हमारे नीति नियंता है हम सभी आपसे अनुरोध करते है कि पुरानी पेंशन 2024 से पहले बहाल करवाकर हम सभी सरकारी कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित करें। अटेवा ने माननीय प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन में मांग की है कि देश के छः राज्यों राजस्थान, छत्तीसगढ़ झारखण्ड, पंजाब,हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में पुरानी पेंशन बहाल हो चुकी है, आंध्रा सहित कई राज्यों में बहाल होने की प्रक्रिया में है। परन्तु उत्तर प्रदेश में अभी तक कोई सकारात्मक कदम शासन की तरफ से नहीं उठाया गया है। जिससे यहाँ का शिक्षक/कर्मचारी अपने असुरक्षित भविष्य के प्रति चिंतित, आंदोलित और आक्रोशित भी है।
अटेवा ने अपने ज्ञापन के माध्यम से सांसद महोदय को अवगत कराया कि उत्तर प्रदेश के 15 लाख सहित देश के लगभग 1 करोड़ शिक्षको, कर्मचारियों व अधिकारीयों को मिलने वाली सामाजिक सुरक्षा पुरानी पेंशन व्यवस्था को समाप्त कर शोषणकारी व विभेदकारी नयी पेंशन व्यवस्था लागू कर दी गयी, जो न तो शिक्षको, कर्मचारियों के हित में है और न ही प्रदेश व देश के हित में है। अब तो नवीन पेंशन योजना के दुष्परिणाम भी सामने आने लगे है। इसकेके तहत सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों, कर्मचारियों व अधिकारियों को किसी को शून्य, ₹1200, ₹1800, ₹3500, ₹4000 तक पेंशन के रूप में प्राप्त हो रही है। जिससे उन्हें अपना जीवनयापन करने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इतने कम पैसे में वह अपने स्वास्थ्य का ख्याल कैसे रखें व कैसे अपने परिवार की जिम्मेदारियों को निभाएँ ? जबकि जीवन के अपने अमूल्य समय उसने देश व सरकार को अपनी सेवाएं दी। यहाँ तक की देश की रक्षा करने के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले अर्धसैनिक बलों को भी पुरानी पेंशन व्यवस्था से वंचित कर दिया गया है, जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। जबकि वह अपना सर्वोच्च न्योछावर करके देश की सुरक्षा करते है और उन्हें सेवानिवृत्त के बाद सामाजिक सुरक्षा नहीं मिलती। यह कैसा न्याय है?
देश की परिसंपत्तियों पर प्रदेश व देश की जनता का अधिकार है। परन्तु जिस प्रकार से सरकारी संस्थाओं का निजीकरण किया जा रहा है। यह किसी भी दृश्टिकोण से उचित नहीं है, बल्कि राष्ट्रीयकरण समस्या का एक बेहतर समाधान है। अटेवा ने निवेदन किया है कि देश के करोड़ों शिक्षकों, कर्मचारियों व अधिकारियों की पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करवाने तथा लगातार हो रहें निजीकरण को समाप्त करवाने की कृपा करें।
घंटी बजाओ कार्यक्रम अटेवा प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ आशाराम यादव, मण्डलीय आय व्यय निरीक्षक चमन रस्तोगी,जिला संरक्षक भूपेंद्र प्रताप सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष संतोष सरोज, सहसंयोजक डॉ प्रमोद कुमार यादव, जिला कोषाध्यक्ष एस पी सिंह, जिला प्रवक्ता वसीम कलाम, जिला संयुक्त मंत्री डॉ विजय सरोज,संयुक्त कर्मचारी परिषद के जिलाध्यक्ष विनोद चौधरी,माध्यमिक शिक्षक संघ के जिला महामंत्री पँकेश भदौरिया, लोक निर्माण संघ के प्रदेश कोषाध्यक्ष ओमवीर शर्मा, विपिन सिंह, सर्वेश तिवारी,मनोज चौहान, राजीव राजपूत,पूरन सिंह, दिनेश कुमार, विकास कुमार, सतीश कुमार, देवेन्द्र कुशवाह सहित सैकड़ो शिक्षक एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

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