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कनाडाः फ्लैट नंबर 230 में एक गैंगस्टर का कत्ल और यूं हुआ खालिस्तानी साजिश का पर्दाफाश

कनाडा के विनिपैग शहर के हैजल्टन ड्राइव रोड़ पर बने कार्नर हाउस का फ्लैट नंबर 230 ही वो मकान है, जहां भारत से संगीन गुनाह करके भागे गैंगस्टर सुखदूल सिंह गिल उर्फ सुक्खा दुनेके की गोली मारकर हत्या की गई थी.

क्या कनाडा की जमीन पर आतंकियों को पनाह मिल रही है? ये सवाल इसलिए क्योंकि कनाडा में पिछले दिनों जिस गैंग्स्टर की हत्या की गई और जिस मकान में उसे गोलियों से छलनी किया गया, वहां तो खालिस्तान का समर्थक गैंग्स्टर रहता था. मगर, मारा गया वो गैंग्स्टर जो पंजाब से भागकर उस आतंकी का राइट हैंड बन गया था.

कनाडा में वो फ्लैट नंबर 230 आतंक की एक पनाहगाह था. जहां मारा गया शख्स खालिस्तानी आतंकी का राइट हैंड था. अब सवाल है कि कनाडा की हत्या में भारत के कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का क्या एंगल है? गैंगस्टर की हत्या के बाद 'टैरर कनेक्शन' कहां से निकला है. दरअसल, गैंगस्टर तो बहाना था, असल में अर्शदीप उर्फ अर्श डल्ला निशाना था. 

खालिस्तानियों, आतंकवादियों और गैंगस्टर्स की जन्नत बन चुके कनाडा के विनिपैग शहर के हैजल्टन ड्राइव रोड़ पर बने कार्नर हाउस का फ्लैट नंबर 230 चर्चाओं में है. दरअसल, यही वो मकान है, जहां भारत से संगीन गुनाह करके भागे गैंगस्टर सुखदूल सिंह उर्फ सुक्खा दुनेके की गोली मारकर हत्या की गई थी. इस मकान की दीवारों पर गोलियों के निशान खुद चीख चीख कर गवाही दे रहे हैं कि इस गैंग्स्टर की हत्या करने वाले हमलावरों ने कितनी शातिर और दबंगई के साथ यहां अटैक करने का इरादा किया था. 

20 सितंबर 2023
कनाडा टाइम के मुताबिक, सुबह 9.30 बजे थे. विनिपैग़ शहर के हैजल्टन ड्राइव रोड का मकान नंबर 230. जिस समय कनाडा का ये शहर अपने रोजमर्रा के काम में पूरी तरह से व्यस्त हो चुका था. लोग अपने अपने कामों पर जा चुके थे. तभी उस मकान के सामने अचानक एक गाड़ी आकर रुकती है. और उस गाड़ी से उतरकर कुछ बदमाश उसी मकान नंबर 230 में दाखिल हो जाते हैं और इससे पहले आस पास के लोग कुछ और बातों को नोटिस कर पाते. अचानक मकान के भीतर से गोलियां चलने की आवाजें आने लगती हैं.

कनाडा के पॉश इलाके में गैंगस्टर का मर्डर 
कुछ देर में वो लोग बाहर निकलते हैं और फिर मकान की छत को निशाना बनाते हुए छह गोलियां दागते हैं और फिर जिस कार से आए थे, उसी में बैठकर वहां से निकल जाते हैं. थोडी ही देर में ये ख़बर पूरी दुनिया में फैल जाती है कि कनाडा के पॉश इलाके में पंजाब से भागा हुआ एक गैंगस्टर मारा गया. पंजाब से 2017 में फर्जी पासपोर्ट बनवाकर कनाडा भागने वाले कैटेगरी ‘ए’ के गैंगस्टर सुखदूल सिंह गिल उर्फ ​​सुक्खा दुन्नेके की हत्या की खबर से भारत से लेकर कनाडा तक में हड़कंप मच जाता है.

लेकिन थोड़ी ही देर बाद मारे गए गैंग्स्टर की पूरी असलियत बाहर आने लगती है. वो गैंग्स्टर सुखदूल सिंह गिल उर्फ ​​सुक्खा असल में खालिस्तान के समर्थक आतंकवादी अर्श डल्ला का दायां हाथ माना जाता था. 

गैंगस्टरों की कमाई और फंडिंग का जरिया क्या
सुक्खा की हत्या के बाद भारतीय एजेंसियों ने उन गैंगस्टरों पर शिकंजा कसने का प्लान बनाया है जो कनाडा में बैठकर हिन्दुस्तान में गैंग चला रहे हैं. लेकिन एक सवाल सभी के जेहन में खड़ा हो जाता है कि आखिर इन गैंगस्टरों की कमाई और फंडिंग का जरिया क्या है? खुलासा हुआ है कि ड्रग्स का कारोबार और हवाला का इस्तेमाल इन गैंग्स्टरों और आतंकियों की फूडपाइपलाइन है जिसे काटना बेहद जरूरी है.

इन आतंकियों को तलाश रही हैं भारतीय एजेंसियां
खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर अब मारा जा चुका है. 20 सितंबर को गैंगस्टर सुखदूल सिंह उर्फ सुक्खा दुनुके भी मारा गया. ये दो सिर्फ नाम नहीं हैं बल्कि नुमाइंदे हैं कनाडा में पनाह पाने वाले उन गुनहगारों के, जिनकी तलाश हिन्दुस्तान के कानून और तमाम एजेंसियों को है. अब इस लिस्ट में शामिल जरा कुछ और नामों पर गौर कीजिए-

अमेरिका से कनाडा तक ये सारे के सारे खुलेआम घूमते हैं और इन सारे गैंगस्टर्स और आतंकवादियों के गठजोड़ को कनाडा की जमीन मिल गई है जहां पर ये लोग बेखौफ फलफूल रहे हैं. पंजाब के गैंग के लोग पाकिस्तान से ड्रग्स लाकर पंजाब में बेचते हैं. इससे मिला पैसा कनाडा में खालिस्तान समर्थक आतंकवादियों तक जाता है. खुलासा यहां तक है कि कनाडा में खालिस्तान समर्थक गैंगस्टर्स ड्रग्स के धंधे में शामिल हैं. ड्रग्स की बेहिसाब कमाई के बंटवारे को लेकर ही गैंगवॉर छिड़ती रहती है.

NIA की चार्जशीट में सबूत
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले दिनों केंद्रीय जांच एजेंसी NIA ने चार्जशीट दाखिल की है जिसके पेज नंबर 68 से 72 पर जिस बात का जिक्र है वो गौर करने लायक है. उसके मुताबिक, हथियारों और ड्रग्स की तस्करी के पैसों से ही कनाडा में खालिस्तान समर्थक आतंकवादियों की फंडिंग हो रही है. नशे की सौदागरी से जो रकम इकट्ठा होती है, उसका इस्तेमाल आतंकवाद को पोसने और फिल्म इंडस्ट्री में लगाने के लिए किया जा रहा है.

लॉरेंस बिश्नोई के साथ हवाला लेन-देन
ये आतंकी कनाडा के खेलों में भी ड्रग्स की कमाई का बड़ा हिस्सा लगाकर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं. चार्जशीट के हवाले से खुलासा हुआ है कि लॉरेंस बिश्नोई के साथ हवाला लेनदेन के सबूत भी सामने आए हैं. साल 2019 से 2021 के बीच लॉरेंस बिश्नोई और दूसरे गैंग्स ने 13 बार हवाला के जरिये खालिस्तान समर्थक आतंकवादियों को 5 लाख से 60 लाख रुपये की रकम भेजी. 2021 में गोल्डी बरार को हर महीने 2 लाख रुपेय भेजे जाने का खुलासा हुआ है. अकेले 2020 में 20 लाख की दो पेमेंट भेजने की बात सामने आई. खालिस्तान समर्थक आतंकवादी सतबीर सिंह सैमको को 2020 में 50 लाख रुपये भेजे गए. जबकि 2021 में सैम और बराड़ को 60 लाख रुपये भेजे गए. इसी तरह 2021 में 40 लाख और 20 लाख की दो और पेमेंट्स सैम को भेजी गई हैं.

 

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