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स्कूली बच्चों के दिल में उतरी खट्टी मीठी फिल्में आगरा

दूसरे दिन पांचवे ग्लोबल ताज इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल में कई फिल्मों ने अपने अपने रंग छोड़े।

माननीय मंत्री एस. पी. सिंह बघेल ने कहा कि कहानियां कहने का फ़िल्म से अच्छा कोई माध्यम नहीं है, बृज भाषा में बहुत काम होना चाहिए।


सुबह माँ सरस्वती एवं गणपति के चित्र माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन के साथ हुई।

आल सेंट स्कूल के चेयरमैन डॉ त्रिलोक सिंह राना, सनफ्लॉवर स्कूल की प्रधानाचार्या श्रीमती शुभी दयाल अनिमेष दयाल, रत्नमुनि जैन कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ अनिल वसिष्ठ को  फेस्टिवल निदेशक  सूरज तिवारी ,फेस्टिवल पैट्रन रंजीत सामा ने सम्मानित किया एवं मोमेंटो दिए गए।


फिल्मों में मुझे स्कूल नहीं जाना आसाम से आई फ़िल्म को बच्चों ने तालियां ही तालियां बटोरी।

वंश पुणे से आई थी और फ़िल्म ने बढ़िया संदेश के साथ दर्शकों को रोने पर मजबूर कर दिया।


अब फ़िल्म थी गोदान हेमा रेगीनाल्ड और अबनीर रेगीनाल्ड की मुम्बई से जिस ने इस कहानी को ज़िंदा कर दिया, साहित्यकारों एवं लेखकों ने फ़िल्म को खूब प्यार दिया।


अमेरिका से द लैंड ऑफ अहिंसा, कर्नाटक से ठरिणी, नानेकोदे और इज़राइल से इट्स  रैप फिल्मों ने दर्शकों को तालियां और खड़े होकर सम्मान दिया। विसर्जन फ़िल्म ने बेटी बचाओ का संदेश देकर एक सार्थक छाप छोड़ी।


दर्शकों ने हर फिल्म के बाद फिल्ममेकर्स से सवाल जबाब किये,ये सेशन बहुत हो रोचक था।

आज के कार्यक्रम में मंत्री एस. पी. सिंह बघेल जी मुख्य अतिथि थे, फेस्टिवल डायरेक्टर सूरज तिवारी ने बाहर से आये हुए फिल्ममेकर्स का स्वागत किया और कल कितनी फिल्मों की स्क्रीनिंग होगी बताया साथ ही अवॉर्ड नाईट के बारे में भी बताया।
अन्य मुख्य जनों में फ़्रांस से आई मेरिन बोर्गो, बांग्लादेश के सहादत सागर के अलावा शहर के साहित्यकार संस्कृतिककर्मी राजीव सिंघल, अरविंद गुप्ता,मंगल सिंह धाकड़, नितिन गोयल आदि उपस्तिथ थे।

धन्यवाद
सूरज तिवारी
फेस्टिवल निदेशक

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