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बच्चों व किशोर-किशोरियों को खिलाई जाएगी पेट के कीड़े निकालने की दवा

डीके श्रीवास्तव

आगरा। जनपद में एक फरवरी को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाएगा। कृमि मुक्त अभियान के तहत जनपद में एक से 19 साल तक के बच्चों व किशोर-किशोरियों को पेट के कीड़े निकालने की दवा एल्बेंडाजोल खिलाई जाएगी। अभियान में स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों पर विद्यार्थियों को एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जाएगी।


मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि अभियान को सफल बनाने के लिए मुख्य विकास अधिकारी के निर्देशन में 20 से 28 जनवरी तक जनपद स्तर व ब्लॉक स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित होंगे। अभियान के दौरान एक से 19 साल तक की उम्र के 20 लाख बच्चे व किशोर-किशोरियों को पेट के कीड़े निकालने की दवा खिलाई जाएगी। एक फरवरी को जो बच्चे दवा खाने से छूट जाएंगे उनको पांच फरवरी को मॉप अप राउंड में कवर किया जाएगा।


एसीएमओ/ राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान के नोडल अधिकारी डॉ. संजीव वर्मन ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मदद से एक से पांच साल तक के बच्चों को आंगनबाड़ी केन्द्रों पर दवा खिलाई जाएगी। जबकि स्कूलों में छह से 19 साल तक के बच्चों व किशोर-किशोरियों को शिक्षकों की मदद से दवा खिलाएंगे। उन्होंने कहा कि यह दवा चबाकर खानी है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व शिक्षक बच्चों को अपने सामने दवा खिलाएगे । किसी भी बच्चे या परिजन को दवा बाद में खाने के लिए नहीं दी जाएगी।


एसीएमओ ने बताया कि राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत साल में दो बार पेट के कीड़े निकालने वाली दवा खिलाई जाती है। 10 अगस्त को आयोजित हुए पिछले अभियान में 14.87 लाख बच्चों ने दवा खाई थी। उन्होंने बताया कि पेट में कीड़े होने के कारण बच्चों-किशोरों में खूनी की कमी हो जाती है। दरअसल कीड़े बच्चों को मिलने वाला पूरा पोषण खा जाते हैं और बच्चे कुपोषण के साथ ही एनीमिया का शिकार भी  हो जाते हैं। कृमि के कारण बच्चों और किशोर-किशोरियों का मानसिक और शारीरिक विकास बाधित होता है।

एसीएमओ ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत एक से पांच साल तक के बच्चों और छह से 19 साल तक स्कूल न जाने वाले बच्चों और घूमंतु व ईंट भट्‌ठों पर काम करने वाले श्रमिकों के बच्चों को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जाएगी। छह से 19 साल तक के स्कूल जाने वाले बच्चों को शिक्षकों के माध्यम से और किशोर जुबेनाइल होम में प्रभारी अधीक्षक के माध्यम से पेट के कीड़े निकालने वाली दवा खिलाई जाएगी।


राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला सामुदायिक प्रक्रिया प्रबंधक डॉ. विजय सिंह  ने बताया कि एक से दो साल तक के बच्चों को आधी गोली और दो से 19  साल तक के बच्चों व किशोर-किशोरियों को पूरी गोली खिलाई जाएगी। छोटे बच्चों को गोली पीसकर दी जानी है। जबकि बड़े बच्चे गोली चबाकर खा सकेंगे। अभियान को सफल बनाने के लिए एविडेंस एक्शन इंडिया संस्था अहम भूमिका निभा रही है |

कृमि नियंत्रण के फायदे :

-   रोग प्रतिरोधक शक्ति में वृद्धि

-   स्वास्थ्य और पोषण में सुधार

-   एनीमिया नियंत्रण

-   समुदाय में कृमि व्यापकता में कमी

-   सीखने की क्षमता और कक्षा में उपस्थिति में सुधार

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