कबीर के सत्संग में छलका ज्ञान का सागर
आगरा। यमुना पर स्थित नरायच के संत कबीर आश्रम में आध्यात्मिक सत्संग का आयोजन किया गया। सत्संग में आए कबीर दर्शनाचार्य रामजीवन शास्त्री साहेब ने सत्संग के सभापति के रूप में कहा कि संत सम्राट सदगुरु कबीर दास जी की शिक्षाओं में नैतिकता, आध्यात्मिक व मानव मूल्यों का सागर झलकता है। जो सीधे आत्मा को छूने वाला है। उनके विचार सार्वभौमिक मानवतावादी हैं साम्प्रदायिक नहीं है। हमारे पारिवारिक, सामाजिक, आर्थिक एवं धार्मिक समस्याओं का सभी समाधान कबीर दास साहेब जी के दर्शन में समाया हुआ है। उन्होंने कहा कि हमारी भारतीय संस्कृति के सभी धर्म ग्रंथ संस्कृत भाषा में ही थे लेकिन हिंदी भाषा में सर्वप्रथम ज्ञान का पिटारा जनमानस के सामने खोलने वाले कबीर दास जी प्रथम पुरोधा है।
इस अवसर पर सतगुरू कबीर निर्वाण स्थल मगहर के आचार्य विचार साहेब जी ने कहा कि सात्विक जीवन, सत्संग और सद विचारों की बड़ी आवश्यकता है, जिसे लोभ रहित संत ही प्रदान कर सकते हैं। नैतिकता पूर्ण व्यक्तियों का निर्माण का प्रयास जा रहा है। आचरण की सुचिता,वचन की सत्यता, निर्धारित किया जाना चाहिए। सत्संग से प्रेम करने का अर्थ है कि संत सच्चे व्यक्तियों का निर्माण कर रहे हैं। सत्संग में संत मधुदास साहेब, राजस्थान राधाकृष्ण दास, राजेंद्र दास साहेब, सुनील दास साहेब, लाखन दास साहेब सहित बड़ी संख्या में देश भर के संत उपस्थित रहे। कार्यक्रम में महंत रविन्द्र दास साहेब, केशव देव, देवेंद्र पाल सिंह, अमरजीत सिंह, अमित सेठी, रिंकू, बबलू, श्रीकृष्ण, जगमोहन, रामप्रसाद, राजकुमार आदि का विशेष सहयोग रहा