सम्पादकीय

क्या 2027 के चुनावी संग्राम में भाजपा के लिए बड़ा ख़तरा बनेंगी मायावती?

केपी मलिक

साल 2024 के लोकसभा चुनाव में जिस प्रकार पिछड़े और दलितों ने महागठबंधन यानि सपा-कांग्रेस को समर्थन दिया, उससे कहीं ना कहीं भाजपा 2027 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बसपा सुप्रीमो मायावती से घबराई हुई नजर आती है।
क्योंकि 2024 के लोकसभा चुनाव में संविधान का मुद्दा तो भाजपा के नुकसान दायक सिद्ध हुआ ही था अब तो उसके साथ अमित शाह के द्वारा डॉ भीमराव अंबेडकर पर संसद में की गई टिप्पणी ने भी पिछड़े और दलितों में कहीं ना कहीं भाजपा के प्रति नाराजगी पैदा की है।
इसलिए मायावती के समर्थकों का तो यहां तक मानना है कि आज बसपा में जो भी उठा पटक चल रही है, उसके पीछे भी कहीं ना कहीं भाजपा की चुनावी रणनीति है। क्योंकि भाजपा जानती है कि उससे दलित और पिछड़ा वोट खिसक कर कांग्रेस-सपा गठबन्धन और चंद्रशेखर आजाद की भीम आर्मी की ओर जा रहा है।

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