कलयुगी पोते ने घर से दादी मां को निकाला,तो क्रांतिकारी शालू सैनी बनी बुढ़ापे की लाठी
रुड़की।कलयुगी पोते ने अपनी दादी मां को मारपीट कर घर से निकाल दिया।बूढी मां भूखी,प्यासी दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर हो रही थी,तो वहीं वह भूखी,प्यासी पापी पेट को भरने के लिए लोगों के सामने हाथ फैलाने को मजबूर हो गई।लावारिसों की वारिस के नाम से जाने जाने वाली मुजफ्फरनगर की समाज सेविका क्रांतिकारी शालू सैनी ने खास बातचीत में बताया कि वह शहर की कच्ची सडक के नाम से मशहूर मौहल्ले से क्रांतिकारी शालू सैनी को किसी अंजान व्यक्ति ने दूरभाष के माध्यम से जानकारी देते हुए बताया कि कच्ची सडक निवासी एक कलयुगी पोते ने अपनी दादी मां को मारपीट कर घर से बाहर निकाल दिया है,जो दर-दर भटकने को मजबूर हो रही है।उक्त् जानकारी के बाद क्रांतिकारी शालू सैनी मौके पर पहुंची और बुढी मां के बुढापे की लाठी बन अपने पास ले आई और फिर उसे यहां से खतौली वृद्ध आश्रम में लेकर गई।इस बीच क्रांतिकारी शालू सैनी ने बूढी मां को नहलाया,नये कपडे पहनाए और एक बेटी के रूप में आशीर्वाद लेकर धर्म की मां के रूप में अपना लिया गया,वहीं बूढी मां ने भी क्रांतिकारी शालू सैनी को ढेर सारी दुआएं देते हुए अपनी धर्म की बेटी के रूप में क्रांतिकारी शालू सैनी के सिर पर ममता का आंचल औढा दिया।