रक्षाबंधन पर कैसे बांधे राखी - आचार्य नवीन भारद्वाज
धर्मेंद्र सिंह
रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन के अटूट प्रेम का पर्व है। इस दिन बहन अपने भाई की लंबी उम्र की कामना करते हुए उसे रक्षा सूत्र बांधती है वहीं भाई अपनी बहन को उसकी रक्षा करने का उसकी रक्षा करने का वचन देता है। भाई-बहन के प्रेम प्रतीक का यह रक्षाबंधन त्योहार श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है।
किसे बांध सकते हैं रक्षासूत्र
भाई के अलावा जो भी आपकी रक्षा करें उसे भी आप यह रक्षासूत्र बांध सकते हैं। सेना के जवान जो दिन रात हमारी सुरक्षा में तैनात हैं। आंतरिक सुरक्षा का जिम्मा पुलिस के हाथ है तो पुलिस के जवानों को भी हम रक्षा सूत्र बांध सकते हैं।
भगवान् श्रीकृष्ण ने युधिष्ठर से कहा था कि, रक्षाबंधन का त्योहार अपनी सेना के साथ मनाओ, इससे पांडवों और उनकी सेना की रक्षा होगी। रक्षासूत्र में अद्भुत शक्ति होती है। वैसे तो खासकर रक्षाबंधन पर राखी बहन अपने भाई को ही बांधती है, लेकिन ब्राह्मण, गुरु, वृक्षों और परिवार में छोटी लड़कियों द्वारा सम्मानित संबंधियों जैसे पुत्री द्वारा पिता को भी बांधी जाती है।
रक्षाबंधन पर कई शुभ योग
आचार्य नवीन भारद्वाज जी ने बताया धर्म शास्त्रों के अनुसार इस साल 2023 में रक्षाबंधन मुहूर्त दो दिन बन रहा है श्रावण मास की पूर्णिमा को रक्षाबंधन होता है इस बार पूर्णिमा के साथ भद्रा लगने के कारण रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त 30 अगस्त रात्रि 8 :57 के बाद से होगा। रात्रि में रक्षाबंधन का पर्व नही मानना चाहिए इसलिए 31 अगस्त को ब्रह्म मुहूर्त में 8 बजे तक रक्षाबंधन का त्योहार मना सकते हैं
रक्षाबंधन पर कैसे करें पूजा
भाई को राखी बांधने से पहले थाली में रोली, चंदन अक्षत, एक घी का दीपक, नारियल, रक्षासूत्र और मिठाई रखे। रक्षा सूत्र और पूजा की थाल सबसे पहले भगवान, अपने ईष्टदेव, कुलदेव और पितरों को अर्पित करें। इसके बाद भाई को तिलक लगाएं फिर उसका मुंह मीठा कराएं।
भाई का घर रहेगा हरा भरा
राखी बांधते समय भाई के हाथ खाली नहीं होना चाहिए। रक्षा सूत्र बांधते समय हाथ में ‘श्रीफल’ यानि नारियल रखा जाता है, जिससे महालक्ष्मी का आशीर्वाद पूर्णतः बना रहेगा।
नारियल नहीं है तो भाई अपने हाथ में कुछ रुपये या चावल भी हाथ में रखकर भी राखी बंधवा सकते हैं। लेकिन इसके अलावा कुछ नहीं रखना चाहिए। एक ही श्रीफल से पूरे परिवार के लोग राखी बंधवा सकते हैं।
राखी बांधते हुए 3 गांठ बांधे। इसमें पहली गांठ भाई की लंबी उम्र और सेहत के लिए, दूसरी गांठ सुख समृद्धि के लिए और तीसरा रिश्ते को मजबूत करने की कामना से ब्रह्मा, विष्णु, महेश का ध्यान करके बांधे।
इस दिन काले कपड़े नहीं पहनने चाहिए क्योंकि इससे नकारात्मक ऊर्जा आकर्षित होती है।
राखी बांधते वक्त भाई का मुख पूर्व दिशा की ओर और बहन का मुख पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए।