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इसी साल होगी पीएम मोदी और पुतिन के बीच शिखर बैठक, रूस में भारत के राजदूत ने दी जानकारी

रूस में भारत के राजदूत पवन कपूर ने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच इसी साल में शिखर बैठक होगी। उन्होंने कहा कि जी-20 बैठक में पुतिन के शामिल नहीं होने की वजह से दोनों देशों और दोनों नेताओं के संबंधों पर कोई फर्क नहीं पड़ा है। शिखर बैठक की जानकारी तब सामने आई है, जब रूसी राष्ट्रपति बीआरआई सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए चीन रवाना हो रहे हैं। मोदी-पुतिन इससे पहले सितंबर 2022 में शंघाई शिखर सम्मेलन में मिले थे। 

रूसी राष्ट्रपति विदेश यात्रा पर किर्गिस्तान पहुंचे
इधर, राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एक दुर्लभ विदेश यात्रा पर किर्गिस्तान पहुंचे। उन पर इस साल के शुरू में यूक्रेन में युद्ध अपराधों के लिए अंतरराष्ट्रीय अपराध कोर्ट ने अभियोग लगाया था। किर्गिस्तान में पुतिन राष्ट्रपति सादिर झापारोव से मिलेंगे।

संयुक्त राष्ट्र में वसुधैव कुटुंबकम के शिलालेख वाली पट्टिका स्थापित
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन परिसर में ‘वसुधैव कुटुंबकम’ शिलालेख वाली एक पट्टिका स्थापित की गई है। यह एकता और वैश्विक सहयोग के लिए नई दिल्ली की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।  पट्टिका का अनावरण भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के अध्यक्ष डॉ. विनय सहस्रबुद्धे व यूएन में भारत की स्थायी प्रतिनिधि राजदूत रुचिरा कंबोज ने किया। हिंदी में ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की पट्टिका भारत के स्थायी मिशन के परिसर के प्रवेश द्वार की दीवार पर सजी हुई है।

चीन के साथ फिर बड़ा ऋण समझौता करने जा रहा श्रीलंका
चीन के कर्ज की वजह से दिवालिया हुआ श्रीलंका फिर से चीन के साथ बड़ा ऋण समझौता करने जा रहा है। श्रीलंकाई वित्त मंत्रालय ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि श्रीलंका की सरकार ने चीन के साथ अपने ऋणों के पुनर्गठन पर एक प्रारंभिक समझौता किया है। इस समझौते से श्रीलंका को अर्थव्यवस्था मजबूत करने में मदद मिलेगी। श्रीलंका पर फिलहाल 46 अरब डॉलर का विदेशी ऋण है, जिसमें से करीब 52 फीसदी चीन से मिला है। सैद्धांतिक रूप से समझौते में 4.2 अरब डॉलर का बकाया ऋण शामिल है।

 

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