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भारत की ध्वजा सम्पूर्ण विश्व में लहरायेगी- एस्ट्रोलॉजर पं प्रमोद गौतम

वी एन मिश्र

आगरा  वैदिक सूत्रम चेयरमैन भारत के नास्त्रेदमस के नाम से सम्पूर्ण विश्व में विख्यात एस्ट्रोलॉजर पंडित प्रमोद गौतम ने नववर्ष 2024 के के मुख्य रहस्यमयी तथ्यों के सन्दर्भ में बताया कि अंग्रेजी नववर्ष 2024 का आगमन अध्यात्म के 
कारक केतु के मघा नक्षत्र में हो रहा है। वर्ष 2024 आध्यात्मिक पथ पर समर्पित भाव से चलने 
वालों के लिए योगकारक वर्ष होगा, जबकि छल कपट पूर्ण विचारधारा से युक्त व्यक्तियों के लिए अत्यंत पीड़ादायक वर्ष होगा। पंडित गौतम ने बताया वर्ष 2024 में केतु के प्रभाव के कारण भारत की ध्वजा सम्पूर्ण विश्व में लहरायेगी और भारत विश्व गुरु बनने की तरफ अग्रसर होने लगेगा।
एस्ट्रोलॉजर पं प्रमोद गौतम ने बताया कि वैदिक हिन्दू ज्योतिष में, भगवान विष्णु का मत्स्य रूप केतु के साथ जुड़ा हुआ है। वैदिक हिन्दू ज्योतिष में केतु अंतर्ज्ञान व मुक्ति का ग्रह है, और जिस जल में संसार डूबने वाला था वह भ्रान्ति थी। भगवान ब्रह्मा की रात्रि होते ही संसार में चारों ओर अंधकार छा जाता है और तब भगवान विष्णु की वाणी ही प्रकाश बन मनुष्य को उस अंधकार में डूबने से बचा सकती है।
वैदिक सूत्रम चेयरमैन पंडित गौतम ने बताया कि केतु मछली के सामान हमारी चेतना में तैरने वाली एक सहज ऊर्जा है, किन्तु ये पूरी तरह से जलमग्न है और यही कारण है कि हम अपनी आध्यात्मिक प्रगति पर अधिक ध्यान नहीं दे पाते हैं। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को आध्यात्मिक उन्नति के लिए सलाह दी जाती है कि वह अपने मन की आवाज पर ध्यान केंद्रित करें और उसे सुनने की कोशिश करें। अध्यात्म का कारक केतु बिना सर वाला एक छाया ग्रह है जिसके धड़ में ही हृदय स्थित है। भगवान विष्णु की आवाज हृदय ग्रंथि से प्रकट होती है यही कारण है कि सिर की आवश्यकता नहीं होती है। केतु व्यक्ति के कर्म चक्र के आरंभ और अंत का प्रतीक है। यह आध्यात्मिक और रचनात्मक ऊर्जा का भी प्रतिनिधित्व करता है, जिसकी सहायता से मनुष्य सांसारिक चक्र को तोड़ ब्रह्म के साथ जुड़ सकता है।

एस्ट्रोलॉजर पंडित प्रमोद गौतम ने वर्ष 2024 में विभिन्न राशियों के सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव के सन्दर्भ में सूक्ष्म रूप में बताते हुए हुए कहा कि वर्ष 2024 में 30 अप्रैल 2024 तक वृष, कन्या, वृशिक राशि के व्यक्तियों को महत्वपूर्ण निर्णय लेने के मामले में विशेष सावधानी बरतने की प्रबल आवश्यकता है। 01 मई 2024 से गोचरीय परिवर्तित चाल में ब्रह्माण्ड के अति शुभ ग्रह देवगुरु बृहस्पति ग्रह मेष राशि से वृष राशि में 01 वर्ष के लिए अपना स्थान परिवर्तन करेंगे जो कि मेष, वृष, कर्क, कन्या, एवम वृशिक राशि के व्यक्तियों के लिए अति शुभ फल प्रदान करने वाले होंगे, जबकि 01 मई 2024 से आने वाले 01 वर्ष तक मिथुन, धनु एवम तुला राशि के व्यक्तियों के लिए देवगुरु बृहस्पति गोचर में अशुभ भाव में स्थित होने के कारण स्वास्थ्य एवम अन्य कारणों से उन्हें मानसिक तनाव प्रदान करने वाले साबित हो सकते हैं, इसके लिए श्री हरि विष्णु की उपासना नित्य करते रहें।

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