image

आओ मेरे राम

डॉ. सत्यवान सौरभ

राम भक्त की धार हैं, राम जगत आधार।
राम नाम से ही सदा, होती जय जयकार।।

जगह-जगह पर इस धरा, है दर्शनीय धाम।
बसे सभी में एक से, है अपने श्री रा
राम सदा से सत्व है, राम समय का तत्व।
राम आदि  है अन्त हैं, राम सकल समत्व।।  

राम-राम सबसे रखो, यदि चाहो आराम 
पड़ जायेगा कब पता, सौरभ किससे काम।।

राम नाम से मैं करूँ, मित्रों तुम्हे प्रणाम। 
जीवन खुशमय आपका, सदा करे श्रीराम।। 

राम-राम मुख बोल है, संकटमोचन नाम।  
ध्यान धरे जो राम का, बनते बिगड़े काम।।  
 
रोम रोम में है बसे, सौरभ मेरे राम।
भजती रहती है सदा,जिह्वा आठों याम।।

उसका ये संसार है, और यहाँ है कौन। 
राम करे सो ठीक है, सौरभ साधे मौन।।

हर क्षण सुमिरे राम को, हों दर्शन अविराम। 
राम नाम सुखमूल है, सकल लोक अभिराम।।

राम नाम है हर जगह, राम जाप चहुंओर।
चाहे जाकर देख लो, नभ तल के हर छोर।।

नगर अयोध्या, हर जगह, त्रेता की झंकार। 
राम राज्य का ख्वाब जो, आज हुआ साकार।।

रखो लाज संसार की, आओ मेरे राम।
मिटे शोक मद मोह सब, जगत बने सुखधाम।।

मानव के अधिकार सब, होने लगे बहाल।
राम राज्य के दौर में, रहते सभी निहाल।।

रामराज्य की कल्पना, होगी तब साकार।
धर्म कर्म सच श्रम बने, उन्नति के आधार।।

राम नाम के जाप से, मिटते सारे पाप।
राम नाम ही सत्य है, सौरभ समझो आप।।

मद में डूबे जो कभी, भूले अपने राम। 
रावण-सा होता सदा, उनका है अंजाम।।
 

Post Views : 128

यह भी पढ़ें

Breaking News!!