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राजस्थान के लोक कला अग्नि भवाई नृत्य की हुई आश्चर्यजनक प्रस्तुति , ग्लास पर एक पैर से खड़े होकर सिर पर 51 मटकी रख किया भवाई नृत्य 

धर्मेंद्र सिंह

आगरा। संस्कार भारती मध्य नगर की ओर से विजय नगर स्थित नवरंग भवन में अंतराष्ट्रीय सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया। भारतीय लोक कला की सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ मुख्य अतिथि विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल और मुख्य वक्ता बांकेलाल गॉड ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया। पार्षद मुरारीलाल गोयल की अध्यक्षता आयोजित हुई सांस्कृतिक शाम में अंतराष्ट्रीय मंचो पर प्रस्तुति देने वाले धन्ना लाल उर्फ हरिहर बाबा ने समूह कलाकारों के साथ अग्नि भवाई नृत्य, घूमर, कांगास्य नृत्य गौरवनंद नृत्य और भगोई नृत्य कर अपनी लोक कलाओं का जादू बिखेरा। 

प्रांतीय संरक्षक आलोक आर्य ने बताया कि कलाकारो ने बगलबंडी और चौगा वेशभूषा धारण कर "कृष्ण तू मत जानजे, तू बिछड़ा मोई मोई चैन, जैसे जल बिन माछली, मैं तड़पत हूं दिन रैन.." गीत पर नृत्य किया । इसके पूरा होते होते ही कलाकार मंच पर पहुंच कर कृष्ण का भजन "नथ म्हारी गुम गई सा बृज का वासी, सब सखियां छ जी उदासी" गीत गाया| हरिहर बाबा ने 51 मटकी सिर पर लिए कांच के गिलास पर एक पैर पर खड़े होकर संतुलन बनाते हुए अग्नि भवाई नृत्य कर सबको अचंभित कर दिया। कार्यक्रम का संचालन अजय तोशनीवाल, आशीष अग्रवाल और डॉ. केशर सिंह ने किया। आभार समिति के अध्यक्ष दीपक गोयल ने किया। कार्यक्रम में महामंत्री नितेश अग्रवाल, कोषाध्यक्ष विनोद गुप्ता, विश्व हिंदू परिषद के राजेश, उमेश चंद्र गुप्ता, ममता गोयल, चंचल अग्रवाल, उपमा गुप्ता, पार्षद रिषभ गुप्ता, डॉ शेखर दीक्षित,  डॉ. मनोज पचौरी, नंदन गर्ग, सुभाष अग्रवाल, डॉ. केशवदत्त गुप्ता, अशोक अग्रवाल, धर्मेंद्र गर्ग, रवि शंकर, दिलीप गुप्ता, विनय गुप्ता आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

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