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ख्वाजा गरीब नवाज ने दुनिया को अल्लाह का सही रास्ता बताया हाजी इलियास

डीके श्रीवास्तव

आगरा। आज के इस माहोल में जहां हर शख्स  अपने कारोबार न होना और माल  कि तंगी का रोना रो रहा  हे । उसका सबब अल्लाह ताला ने हम पर ज़कात जो फर्ज़ को ईमानदारी के साथ पूरा ना  होना हे   । क़ुरान मजीद में अल्लाह ताला ने ज़कात को जो अहमियत दी हे इसका अंदाज़ा इससे लगाया जा सकता हे  । अल्लाह ताला ने बीस मुकाम पर ज़कात को इस्लाम के पहले रुकुन् नमाज़ के साथ ज़िक्र किया बत्तीस मुकाम सरिहअन ज़कात का और पंधरा मुकाम पर  सदके का ज़िक्र आया । अगर हम आपने आप को अल्लाह ताला की रहमत का हकदार होने के लिए ईमान और तकवा के साथ ज़कात की अदाएगी को भी शर्त क्रारार दिया गया हे।  इसलिए अपने ऊपर गोरों फिक्र करें के हमे अपने माल में से ज़कात निकाल कर जो उसके मुस्ताहिक तक उसको पहुंचाएं पहले अपने करीबियों में देखे उसके बाद बाहर के लोगो में देखे अगर हमने  सही तरीके से अपने माल पर ज़कात निकाल दी और उस के हकदारो तक पहुंचा दी तो  आप भी मेहफूज़ और आप का माल भी मेहफूज़  रहेगा । जिस माल की ज़कात निकाल दी जाती हे उस माल को नुकसान नही होता। अल्लाह के रसूल स •अ •व• ने इस्लाम के अंदर ज़कात को नमाज़ के बाद दर्ज़ा दिया है कई जगह आपने जिन बातों पर  बैअत ली  इनमें  ज़कात का भी ज़िक्र फरमाया । ज़कात अदा न करने पर आप ने जो बाईद दी ,वो निहायत ही जिस्म  और रूह को कांपने वाली हे अखरित में जो माल की ज़कात न अदा की गई हो वो ज़हरीले सांप की सूरत इख्तियार करके गले का तोंक बन जाएगा और डसता रहेगा । 
जिन जानवरों की  ज़कात ना दी गई हो वो उसको रौंदेग ।  
हदीस शरीफ़ में आया कुछ औरते आप की खिदमत में आई जो सोने के कंगन पहनें हुई थी आप ने उनसे पूछा क्या  आपने इनकी ज़कात अदा करदी हे ? उन्होंने नही में जवाब दिया आपने फ़रमाया क्या तुमको पसंद हे आग के कंगन तुमको पहनाए जाए ?  इसके अलावा आपने ज़कात अदा करने पर खुश खबरी और ना अदा करने पर अल्लाह की पकड़ का ज़िक्र फरमाया।  
इरशादे नबवी हे के सदका वालाओ से महफूज़ रखता हे , उम्र में इज़ाफा करता है, सत्तर मुसीबतों के दरवाजे बंद करता है ।
जिस माल की  ज़कात ना अदा की जाय, तो माल ज़कात के साथ साथ असल माल भी खत्म और हलाक हो जाता है । जो  कोम ज़कात अदा नही करती उन कोमो पर  केहेत का अज़ाब आता हे । अल्लाह के रसूल इरशाद फ़रमाया के ए जमात महाजरीन पांच गुनाह है के जब तुम इनमें मुब्तिला हो जाओगे मुसीबत में पड़ जाओगे और मैं इस बात से खुदा की पन्हा चाहता हूं कि तुम इन गुनाहों में मुब्तिला ना  हो । 1   जिस कोम  में खुलेआम बदकारियां होने लगे इनमें ताऊन और ऐसी तकलीफ और वो बीमारियां पैदा होगी जो पहले के लोगों में नहीं हुई। 2 नाप तोल में कमी करोगे तो कहत  , तंग हाल हुकुम रनों का जोरो जुलम इन पर होगा  ।  3 जकात अदा ना करोगे बारिश से महरूम कर दिए जाओगे और इस बस्ती में जानवर ना हो तो शायद इन पर बिल्कुल ही बारिश ना हो  ।  4 , खुदा और रसूल के बयान को तोड़ोगे तो एसे दुश्मनौ को उन मुसअल्ट कर देगा  जो इनके  कब्जे से बाद चीज़े छीन लेंगे। 5  मुसलमान के हुकमुरा कुरान मजीद के मुताबिक फैसला न करेंगे और ऐसा में हक फैसले ना करोगे को तो अल्लाह इनकी कुब्बतें बहिम तकरा देगा ।
इस हदीस से मालूम होता है के मआसी तंगी एक एहम सबब इस उम्मत का ज़कात फर्ज़ीयत से गाफिल होना । आइए हम सब मिलकर ज़कात फर्ज़ीयत पर अमल करते हुए  अपने मालिको मोला के फरमान के मुताबिक और उसके प्यारे हबीब की हदीस की पैरवी करते हुए पूरी ईमानदारी के साथ ज़कात निकाल कर उसके हकदारो तक पहुंचाए । अल्लाह ताला से दुआ हे हम सबको अपने माल पर ज़कात निकलने की टॉफीक फरमाए अमीन अल्लाह हुम्मा अमीन ।

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