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Agra Paras Hospital: पारस हॉस्पिटल को सरकार से मिली क्लीन चिट, ऑक्सीजन मॉकड्रिल के नाम पर हुई थी 22 मरीजों की मौत!

कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की किल्लत ने मौत का तांडव मचाया था। उसी समय श्री पारस हॉस्पिटल के संचालक पर ऑक्सीजन की मॉकड्रिल करके 22 लोगों की जान लेने का आरोप लगा था। जिलाधिकारी ने हॉस्पिटल पर सील लगाकर आरोपी के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत करवाया था। शासन की जांच के बाद श्रीपारस को क्लीन चिट मिल गई है। गुरुवार को इसे खोल दिया गया है।

आगरा : आगरा में कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की मॉकड्रिल से सुर्खियों में आए श्री पारस अस्पताल की बृहस्पतिवार को 12 महीने बाद सील खुल गई। सात जून 2021 को अस्पताल संचालक डॉ. आरिंजय जैन के वीडियो वायरल हुए थे। इसके बाद पांच मिनट की ऑक्सीजन मॉकड्रिल के दौरान 22 कोरोना मरीजों की मौत के आरोप लगे थे।इस मामले की शासन ने कमेटी से जांच कराई थी जिसमें अब कमेटी ने अस्पताल को क्लीनचिट दे दी है। इसके बाद गुरुवार को अस्पताल की सील खोल दी गई। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि शासन के निर्देश पर सील खोली गई है। अस्पताल का लाइसेंस बहाल किया है। अस्पताल संचालित करने से पहले वर्ष 2022-23 के लिए नवीनीकरण कराना होगा।

कमेटी ने कही ये बात
यूपी सरकार की डेथ ऑडिट कमेटी ने कहा है, 'यह बिल्कुल भी सच नहीं है कि मॉक ड्रिल के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद होने से 22 मरीजों की मौत हो गई। ड्रिल के लिए किसी की ऑक्सीजन नहीं रोकी गई और न ही इसका कोई सबूत है। यह भ्रामक सूचना है, वरना 26 अप्रैल को 22 लोगों की मौत हो जाती।' इससे पहले आगरा के डीएम ने कहा था कि अस्पताल में 22 गंभीर मरीज भर्ती थे, लेकिन उनकी मृत्यु का कोई विवरण नहीं है। हम उनकी मौत के बारे में सामने आए वीडियो की जांच करेंगे।
 

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