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Agra : सरकार ने बंद किया था इंटरनेट, 4 दिनों का डाटा लेने को युवक ने खटखटाया उपभोक्ता फोरम का दरवाजा

प्रीपेड स्कीम में पहले पैसा चुकाने के बावजूद ग्राहकों को चार दिनों तक उनके कोटे का डाटा नहीं मिल सका। जब कुछ ग्राहकों ने इस संबंध में मोबाइल नेटवर्क कंपनी में बात कर चार दिनों के बचे डेटा की मांग की तो कंपनी ने असमर्थता जता दी। आरा के एक मोबाइल ग्राहक ने मामले को लेकर उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटाया है।

 

आरा : जी हां, आरा में एक ऐसा मामला आया है जहां जिला प्रशासन की ओर से दंगों और उपद्रव को रोकने के लिए इंटरनेट बंद किया गया था। जिसकी भरपाई के लिए एक युवक ने अब उपभोक्‍ता फोरम का दरवाजा खटखटाया है। प्रीपेड स्कीम में पहले पैसा चुकाने के बावजूद ग्राहकों को चार दिनों तक उनके कोटे का डाटा नहीं मिल सका। जब कुछ ग्राहकों ने इस संबंध में मोबाइल नेटवर्क कंपनी में बात कर चार दिनों के बचे डेटा की मांग की तो कंपनी ने असमर्थता जता दी। इसके बाद युवक ने उपभोक्‍ता फोरम में इसकी गुहार लगा दी है।

टेलीकॉम कंपनियों ने बचाए 20 लाख जीबी डेटा
दरअसल, इंटरनेट मीडिया पर अफवाह फैलने से रोकने के लिए भोजपुर समेत राज्य के 13 जिलों में इंटरनेट पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इसके बाद सभी टेलीकॉम कंपनियों ने 17 जून की दोपहर से 20 जून की रात तक इंटरनेट सेवा बंद कर दी थी। नेटबंदी से सबसे ज्यादा नुकसान मोबाइल उपभोक्ताओं को झेलना पड़ा है। क्योंकि, अधिकांश टेलीकॉम कंपनियां प्रीपेड प्लान में प्रतिदिन उपलब्ध कराने वाले डेटा का पैसा पहले ही ले लेती हैं। भोजपुर जिले में विभिन्न टेलीकॉम और ब्रॉडबैंड प्रदाता कंपनियों के लगभग पांच लाख स्मार्ट फोन यूजर हैं। विभिन्न टेलीकॉम कंपनियों के अनुसार स्मार्ट फोन यूजर प्रतिदिन औसतन एक जीबी डेटा का इस्तेमाल करते है। चार दिनों की नेटबंदी में औसतन प्रति यूजर चार जीबी डेटा का इंटरनेट इस्तेमाल नहीं हो सका। इस तरह से देखें तो सभी मोबाइल यूजरों को मिलाकर जिले में लगभग 20 लाख जीबी डेटा की बचत मोबाइल कंपनियों को हुई।

कंपनी से मांगा डाटा कहा रेलवे करती है भरपाई
आरा के आनंद प्रकाश एयरटेल कंपनी का एक यूजर ने चार दिनों का अपना बचा हुआ डेटा एकमुश्त मोबाइल कंपनी से पाने के लिए कंपनी के हेल्पलाइन नंबर पर बात की। उन्होंने प्रतिदिन दो जीबी डेटा का प्रीपेड प्लान ले रखा है। कंपनी की ओर से कहा गया कि यह दैनिक डेटा का प्लान है और किसी कारणवश दैनिक उपयोग नहीं होने पर इसे आगे समायोजित नहीं किया जा सकता। इसके बाद ग्राहक आनंद प्रकाश ने राष्ट्रीय उपभोक्ता फोरम में इसकी ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराते हुए कंपनी से डेटा दिलवाने का अनुरोध किया है। ग्राहक का कहना है कि विधि व्यवस्था के आधार पर ट्रेनें रद्द हुईं तो रेलवे यात्रियों के टिकट के पैसे वापस करता है, उसी तरह मोबाइल कंपनियां किसी भी कारण से सेवा नहीं दे पाती हैं तो बचा हुआ डेटा ग्राहकों को क्यों नहीं दे सकतीं।

उपद्रव की वजह से बंद की गई थी इंटरनेट सेवा
बता दें कि केंद्र सरकार की अग्निपथ भर्ती योजना को लेकर राज्य में तीन दिन तक भारी हंगामा हुआ था। पुलिस ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए 20 जिलों में इंटरनेट सेवा पर रोक लगा दी थी। इन शहरों में फेसबुक, ट्विटर और वाट्सऐप और इंटरनेट मीडिया पर तस्वीरें, वीडियो या संदेश भेजने पर रोक लगा दी थी। रेलवे, बैंकिंग एवं अन्य सरकारी सेवाएं इससे प्रभावित नहीं थीं। सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, आगजनी तथा तोड़फोड़ करने के मामले में राज्य भर में अब तक 150 से अधिक प्राथमिकी दर्ज की गई है।उपद्रवियों में नक्‍सलियों के भी शामिल होने के संकेत
पुलिस मुख्यालय के अनुसार सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, तोड़फोड़ और अफवाह फैलाने वाले लोगों को उकसाने वालों की पहचान की जा रही है। साक्ष्य मिलने पर उनके विरुद्ध भी विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी। वहीं बक्सर में पुलिस पर हमला करते हुए गाड़ी फूंक देने की घटना की छानबीन में किसी संगठित गिरोह की भूमिका बताई गई थी। उपद्रवियों के बीच नक्सलियों के भी शामिल होने के संकेत मिले थे।

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