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अधिकार के लिए योग्यता की अनिवार्यता का संदेश देती है शिवकथा

डीके श्रीवास्तव

आगरा। कभी कभी भगवान की सेवा करने की भक्तों की इच्छा भी भगवान के अवतरण का कारण बन जाती है। यदि हिमालय की पत्नी मेना देवी सती के रूप पर मोहित हो उन्हें पुत्री रूप में पाने की तीव्र इच्छा न रखतीं तो पता नहीं धरती पर जगदंबिका माता पार्वती का अवतार कब होता?' 

माता पार्वती के अवतरण की पूर्व भूमिका सुनाते हुए कथावाचक डॉ. दीपिका उपाध्याय ने उक्त प्रवचन कहे। श्रावण मास के शुभ अवसर पर नगला डीम, आगरा में चल रही श्रीशिव महापुराण कथा का आज चौथा दिन था। कथावाचक डा. दीपिका उपाध्याय ने कथा को आगे बढ़ाते हुए कहा कि भगवान शिव की कथा में सबसे मनोरम बात यह है कि इसमें कहीं भी भक्त को भगवान शिव से वियोग नहीं सहना पड़ता। यदि जगदंबिका ने माता सती के रूप को त्याग दिया तो फिर माता पार्वती के रूप में अवतरित हुई।

 भगवान शिव सदा भक्तों के साथ हैं इसका उद्घोष करती है पावन शिव महापुराण कथा। पितरों की मानस कन्या मेना, धान्या और कलावती जब सनत कुमारों के श्राप से धरती पर अवतरित हुईं तो उनमें से बड़ी कन्या मेना पर्वतराज हिमालय की पत्नी बनी। जगदंबिका ने पुनः अवतरण के लिए हिमालय और मैना को ही चुना। अपने चिर सहचर भगवान शिव को उन्होंने तपस्या से प्राप्त करके संदेश दिया कि अधिकार के लिए भी योग्यता होना आवश्यक है। आगे जब भगवान शिव पार्वती माता की तपस्या से प्रसन्न होकर उन्हें वरने के लिए तैयार हुए तब उन्होंने कहा कि पूर्व जन्म में ग्रह शांति ना होने के कारण उनका वियोग हुआ।

 भगवान शिव पार्वती विवाह का यह पावन चरित्र बताता है कि भगवान भी शास्त्रीय नियमों से बंधे हैं। भगवान का अवतरण उनकी अपनी इच्छा के लिए नहीं होता, बल्कि सृष्टि के कल्याण के लिए होता है इसीलिए भगवान शिव को पाने के लिए जगदम्बा भी तप करती हैं।

 कथावाचक डा. दीपिका उपाध्याय ने बताया कि पार्वती मंगल की कथा सुनने से स्त्रियों को सौभाग्य की प्राप्ति होती हैं। पार्वती मंगल की कथा सभी स्त्रियों को अवश्य ही सुननी चाहिए। पार्वती मंगल की कथा सौभाग्य, यश, उन्नति एवं धन- धान्य से परिपूरित करने वाली है। 

 इस अवसर पर गुरुदीपिका योगक्षेम फाउंडेशन की ओर से हरियाली तीज महोत्सव मनाया गया। फाउंडेशन के डायरेक्टर रवि शर्मा ने बताया कि फाउंडेशन की तरफ से हरियाली तीज के अवसर पर महिलाओं को मेहंदी वितरित की जा रही है। पार्वती विवाह के शुभ अवसर पर फाउंडेशन की ओर से स्त्रियों को विवाह के कंगन भी बांटे गए।

 इस अवसर पर मनोज कुमार, दिनेश, शशि भूषण, होतीलाल, जवाली राम, वीरेंद्र, राजेश, जितेंद्र, पीतम सिंह, राजू, मुरारी लाल आदि उपस्थित रहे। कथा के विश्राम के बाद स्त्रियों ने भगवान शिव तथा माता पार्वती विवाह के शुभ अवसर पर भजन कीर्तन किया।

कथा के अवसर पर डा. राहुल शर्मा का अभिनंदन करते नगला डीम ग्रामवासी। साथ में कथावाचक डा. दीपिका उपाध्याय।

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