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लिंग थाप विधिवत कर पूजा

डॉ दीपिका उपाध्याय

आगरा।  ग्राम नगला डीम में चल रही श्री शिव महापुराणकथा का आज अंतिम दिन था। कथा को विश्राम देते हुए कथा वाचक डॉ दीपिका उपाध्याय ने पार्थिव शिवलिंग की स्थापना का महत्व बताया तथा साथ ही महर्षि उपमन्यु एवं श्री कृष्ण का प्रसंग सुनाया।
 डॉ उपाध्याय ने बताया कि किस प्रकार बालक उपमन्यु अपने मामा के घर थोड़ा दूध पीकर दूध के लिए मचलने लगा। माता ने  बीज पीसकर कृत्रिम दूध बनाकर पिलाया, पर वह बालक दूध का स्वाद जान गया था। जब बालक रोने लगा तो मां ने उसे भगवान शिव की उपासना करने का उपदेश दिया।
 भगवान शिव के निमित्त कठोर उपासना कर बालक ने भगवान शिव तथा माता पार्वती को प्रसन्न कर लिया। भगवान शिव ने उसे दूध, दही, मधु,अन्न आदि का भरपूर भंडार दिया और वरदान दिया कि उसके वंश में कभी किसी को भोजन की कमी नहीं रहेगी।
 महर्षि उपमन्यु भगवान शिव के अनन्य भक्त थे। जब भगवान श्री कृष्ण श्रेष्ठ संतान चाहते थे तब वे महर्षि उपमन्यु की शरण में गए। महर्षि उपमन्यु ने उन्हें शिव भक्ति की महिमा बताई और साथ ही पाशुपत व्रत का उपदेश किया। 16 महीने कठोर तपस्या के बाद भगवान शिव और माता पार्वती ने श्री कृष्ण को दर्शन दिया और दोनों ने उन्हें आठ आठ वर प्रदान किए। भगवान शिव तथा मार्ग माता पार्वती के इन सुंदर वरदानों के कारण ही भगवान श्री कृष्ण सदैव हर युद्ध में विजयी रहे, सबके प्रिय रहे और उन्हें तेजस्वी पुत्र भी प्राप्त हुए।
 कथा की पूर्णता के बाद व्यास पीठ पर सुशोभित श्री शिव महापुराण का व्यास रूप में पूजन किया गया। कथा के उपरांत पंडित रवि उपाध्याय एवं राहुल शर्मा के द्वारा पूर्णाहुति संपन्न कराई गई। सायंकाल को गांव में भंडारा आयोजित किया गया जो देर रात्रि तक चलता रहा। इस अवसर पर ग्रामीण महिलाओं द्वारा भजन कीर्तन भी किया गया।

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