लखनऊ

अमृतलाल नागर जी का नाम लखनऊ के लिए है अमृत के समान : डा दिनेश शर्मा

लखनऊ । राज्यसभा सांसद व यूपी के पूर्व उपमुख्यमंत्री डा दिनेश शर्मा ने आज “चौक यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर” कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए कहा कि लखनऊ के लिए अमृत लाल नागर जी का नाम अमृत के समान है। लोग कहते हैं कि अटल लखनऊ है और लखनऊ अटल है तो उसे इस प्रकार से भी परिभाषित किया जा सकता है कि अटल लखनऊ अमृत समान है क्योंकि यहां पर अमृत लाल नागर की काव्य धारा का प्रवाह हुआ है। उनकी काव्य धारा , निबन्ध फिल्म समीक्षा अनुवाद आदि से लखनऊ समृद्ध हुआ है। अवध नगरी साहित्य संगीत और कला से युक्त है। नागर जी का जीवन साहित्य और संगीत से परिपूर्ण था। उनका प्रत्येक कार्य श्रेष्ठता की नई मंजिल होता था। उन्होंने लिखा था कि जिन्दगी लैला है उसे मजनू की तरह जियो ये बताता है कि उनका लेखन पाठक के मन में किस प्रकार से अमिट छाप छोडता है। ये उनका बहुआयामी व्यक्तित्व ही था कि जिसके कारण उन पर 160 लोगों ने शोध किया है। लोग आज भी उनके शब्दों के नए अर्थ खोजते हैं क्योंकि उनके शब्दों का प्रवाह बहुअर्थी होने के साथ ही रसयुक्त और गंभीर संदेश लिए होता था।
साहित्यकार अमृतलाल नागर की 108वी जयंती पर आयोजित अमृतोत्सव को सम्बोधित करते हुए डा शर्मा ने कहा कि उनके लखनऊ से जुडाव के बारे में कहा जाता है वे एक दूसरे के पर्याय थे। उनका जन्म आगरा में हुआ और वे तमाम स्थानों पर जाते थे पर लखनऊ आते ही वे लखनऊमय हो जाते थे। एक कुश्ती के किस्से का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि साहित्यकार के मन में देश के लिए स्वाभिमान तथा देश के लिए कुछ करने का जज्बा होता है।
उनकी बाते कुछ ऐसी होती थीं कि जिसे साहित्य में रुचि नहीं हो उसे भी साहित्य के प्रति लगाव हो जाए। अटल जी भी उनका काफी सम्मान किया करते थे। डा शर्मा ने बताया कि उन्होंने मेयर रहते नागर जी के सम्मान में राजधानी में एक चौराहे का नामकरण किया था। उन्होंने कहा कि नागर जी की स्मृतियों को भविष्य के लिए संजोया जाना चाहिए तथा इसके लिए उन्होंने अमृत स्तंभ स्थापित करने का सुझाव दिया। इससे आने वाली पीढियंा लखनऊ की इस अनमोल प्रतिभा के बारे में जान पायेंगी। इसके लिए उन्होंने सांसद निधि से योगदान देने की भी पहल की।कार्यक्रम में उनकी बेटी प्रसिद्धि सहित्यकार अचला नागर, रंगकर्मी अनिल रस्तोगी,जयंत कृष्णा,सविता नागर, प्रो निशी पांडे आदि उपस्थित थे।

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