सम्पादकीय

आतंकवाद और पीओके पर सरकार का स्पष्ट व कड़ा संदेश, अबकी बार हो जाएंगे पाकिस्तान के चार टुकड़े

मृत्युंजय दीक्षित

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान नौ आतंकी बेस नष्ट होने पर पाकिस्तान बौखला गया। उसने आतंकवादियों पर हमले को पाकिस्तान पर हमला माना और बदला लेने के लिए अपने अमेरिकी, चीनी और तुर्की हथियारों से भारत पर हमला बोल दिया। भारत के स्वदेशी आयुधों ने पाकिस्तान को न केवल धूल चटा दी वरन उसके 11 हवाई बेस बुरी तरह से ध्वस्त कर दिए । पलटवार में मुंह की खाने पर पाकिस्तान घुटनों पर आ गया, उसके गुहार लगाने पर भारत ने पाक के सैन्य ठिकानों पर कार्यवाई कुछ समय के लिए स्थगित कर दी। इस बीच भारत ने अपने सांसदों के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों को विश्व के प्रमुख देशों में भारत का पक्ष रखने भेज दिया। ये प्रतिनिधि मंडल पूरे विश्व में आतंकवाद के विरुद्ध और भारत के पक्ष में वातावरण बना रहे हैं । इधर भारत में प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह व सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों ने अपने अगले लक्ष्य पर काम आरम्भ कर दिया है। शीर्ष राजनैतिक और सामरिक नेतृत्व आतंकवाद के खिलाफ जारी लड़ाई को अंतिम चरण तक ले जाने के संकेत दे रहा है।
ऑपरेशन सिंदूर के मध्य जब अचानक संघर्ष विराम का समाचार आया तो देश के एक बहुत बड़े वर्ग में चिंता व निराशा के भाव जागृत हो गये थे। विरोधी दलों के तथाकथित नेताओं ने इसे मोदी सरकार को घेरने का अवसर मान लिया था किंतु जैसे ही प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को संबोधित किया जनता का उत्साह वापस आ गया और विरोधी हाथ मलते रह गए। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जो नीति अपनाई गई है उससे पाकिस्तान में भय तथा भ्रम की स्थिति है। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और सिन्धु जल समझौते को लेकर जो रणनीति बनाई जा रही है उससे भारत के अंदर बैठे पाकिस्तानी पैरोकारों के पैरों तले जमीन खिसकती हुई दिखाई दे रही है।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद से प्रधानमंत्री मोदी की जनसभाओं में अपार जनसमूह उमड़ रहा है फिर चाहे वो गुजरात हो या सिक्किम, बिहार हो या बंगाल या फिर उत्तर प्रदेश। प्रधानमंत्री मोदी जनमानस को संबोधित करते हुए रौद्र रूप में हैं और पकिस्तान के साथ साथ चीन और बांग्लादेश को भी स्पष्ट सन्देश दे रहे हैं । प्रधानमंत्री मोदी की जनसभाओं से राष्ट्रवाद की बयार बहती हुई दिख रही है, जनता में तिरंगा हाथ में लेकर उत्साह दिखा रही है। प्रधानमंत्री अपनी जनसभाओं में स्पष्ट कर चुके हैं कि,“ शरीर कितना ही स्वस्थ क्यों न हो लेकिन अगर एक कांटा चुभता है तो पूरा शरीर परेशान रहता है। अत: हमने तय कर लिया है कि उस कांटे को निकाल के रहेंगे। प्रधनमंत्री ने कहा कि भारत ने तीन बार पाकिस्तान को युद्ध में धूल चटाई है वह हमसे सीधा युद्ध कभी नहीं जीत सकता। वह बार -बार कह रहे हैं कि पाकिस्तान धोखे में न रहे अगर पाकिस्तान ने अब कोई गलती की तो उसे बहुत भारी से भारी कीमत चुकानी ही पड़ेगी। प्रधानमंत्री स्पष्ट कर रहे हैं अब पाकिस्तान के साथ कोई वार्ता होगी तो केवल और केवल पाक अधिकृत कश्मीर की वापसी और आतंकवाद के मुद्दे पर ही होगी। अब सिंधु नदी का जल ओैर खून एक साथ नहीं बहेगा।
प्रधानमंत्री मोदी विदेशी सामान के बहिष्कार की भी अपील कर रहे हैं। आपरेशन सिंदूर सिर्फ सेनाओं की नहीं नहीं अपितु जनभागीदीरी की भी आवश्यकता है। प्रधानमंत्री ने बताया कि अगर देश को विश्व की तीसरी बड़ी अर्थवयवस्था बनाना है तो विदेशी सामानों का पूरी तरह से बहिष्कार होगा। प्रधानमंत्री की यह अपील अत्यंत महत्व की है अगर भारतीय जनमानस पूरी तरह से लोकल फॉर वोकल को अपना लेता है तो उससे उन सभी देशों की अर्थव्यवस्था को चरमराते देर नहीं लगेगी जो भारत को आंख दिखाते रहते हैं। अगर भारतीय समाज विदेशी समान का बहिष्कार प्रारम्भ कर देगा तो चीन सहित कई बाजार हिल जाएंगे ।
उधर आपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के स्वदेशी सैन्य उपकरणों तथा हथियारों ने चीन व तुर्किए सहित अमेरिका के सैन्य उपकरणों की पोल खोल दी। इसके बाद चीन के रक्षा उपकरणों की मांग में गिरावट दर्ज की गई है जबकि भारत विश्व के रक्षा बाजार में ऊंची छलांग लगाने को तैयार है। भारत में रक्षा अनुसन्धान का तेजी से विकास किया जा रहा है, स्वदेश कावेरी इंजन शीघ्र ही उड़न के लिए जांचा जाएगा।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी पूरे जोश में दिखाई दे रहे हैं । उन्होंने भी स्पष्ट रूप से कहा कि अगर पाकिस्तान को भारत से कोई वार्ता करनी है तो पहले वह हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे खूंखार आतंकियों को भारत के हवाले करे, अपने यहाँ चल रही आतंक की नर्सरी को नष्ट करे और पाक अधिकृत कश्मीर को खाली कर दे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्पष्ट रूप से कहा है कि पाकिस्तान के कब्जे वाला पीओके भारत का अभिन्न हिस्सा है। वह दिन दूर नहीं जब पीओके लौटकर कहेगा मैं भारत का ही हूं, मैं वापस आया हूं। भौगोलिक और राजनैतिक रूप से अलग हुए वहां के लोग स्वेच्छा से मुख्यधारा में लौटेंगे। आईएनएस विक्रात में सेना के जवानों का हौसला बढ़ाते हुए रक्षा मंत्री ने एक छुपा हुआ संदेश भी दिया कि अगली कार्रवाई हो सकता है कि नेवी की ओर से हो और अगर ऐसा हुआ तो उसके क्या गंभीर परिणाम हो सकते हैं यह बात पाकिस्तान को समझ में आनी चाहिए कि अगर अब उसने कोई गलती की तो उसके चार टुकड़े तक हो सकते हैं।
भारत की मांग साफ़ है – पाकिस्तान अपनी जमीन पर चल रही आतंकवाद की नर्सरी को अपने हाथों से उखाड़ फेंके।आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति एकदम स्पष्ट है। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद ऐसा पहली बार हुआ कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सभी रणनीतिकार इतने खुलकर आतंकवाद के विरुद्ध शून्य सहनशीलता की बात इतनी मुखरता से कर रहे हैं।
पहले भारत हर समय विस्फोटों और आतंकी हमलों के डर में जीता था आज आतंकी डरे हुए हैं। ऑपरेशन सिंदूर केवल एक सैन्य प्रतिक्रिया या नारा नहीं रह गया है अपितु नये भारत का नया दर्शन बन चुका है।विकसित भारत का नया संकल्प आपरेशन सिंदूर के अंतर्गत ही साधा जायेगा। ऑपरेशन सिंदूर के अंतर्गत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत का एक नया स्वरूप आकार ले रहा है।
ऑपरेशन सिंदूर न्याय की अखंड प्रतिज्ञा है।

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