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सेंट जॉन्स का नाम बदलने की बारी

इंडिया समाचार 24

आगरा। भाजपा विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल ने शुक्रवार को मेयर नवीन जैन से मुलाकात की। वह बोले, जॉन्स पब्लिक लाइब्रेरी का नाम उन्हें चुभता है। देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना चुका है। जबकि यह लाइब्रेरी भवन आज भी अंग्रेज के नाम पर है।

 भाजपा विधायक खंडेलवाल ने जॉन्स पब्लिक लाइब्रेरी का नाम लोकतंत्र सेनानी अधीश के नाम पर रखने की मांग उठाई है। उन्होंने मेयर नवीन जैन को ज्ञापन देकर वार्ता की। मेयर ने उन्हें आवश्वासन दिया है कि जॉन्स पब्लिक लाइब्रेरी को शीघ्र ही अधीश पुस्तकालय के नाम से जाना जाएगा। इस सम्बंध में आवश्यक प्रक्रिया को अमल में लाया जाएगा।

लाइब्रेरी का नाम 'अधीश पुस्तकालय' ही क्यों ?
विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल ने इस लाइब्रेरी का नया नाम 'अधीश पुस्तकालय' रखने की मांग की है। उन्होंने बताया कि लोकतंत्र सेनानी अधीश का स्मरण राष्ट्रवादी विचार और साहित्य लेखन के लिए किया जाता है। जन्म से ही उनका आगरा से गहरा जुड़ाव था। उनका जन्म भी इसी क्षेत्र में सुल्तान गंज में हुआ था। बाल्यावस्था से बतौर सदस्य इस पुस्तकालय से वह जुड़े रहे। उन्होंने राष्ट्रवादी विचारक और लेखक के रूप में पहचान बनाई। विश्व संवाद केंद्र की स्थापना उनके ही विचारों की परिणति है।

डच व्यवसाई मेजर जॉन्स ने स्थापित कराई थी यह लाइब्रेरी
देश की आजादी से पहले डच व्यवसायी मेजर जॉन्स की इस भवन में रंगशाला थी। आगरा में कॉटन मिल की स्थापना भी मेजर जॉन्स और उसके भाइयों ने की थी। यमुना किनारे आज भी यह जगह जॉन्स मिल नाम से मशहूर है। मेजर जॉन्स की भारत की संस्कृति और साहित्य से प्रभावित था। जानकारों का कहना है कि उसने पहले नंद टॉकीज के पास सदर में एक पुस्तकालय स्थापित कराया था। 1922 में पालीवाल पार्क (हीवैट पार्क) में रंगशाला के इस भवन में जॉन्स पब्लिक लाइब्रेरी को अधुनिक पुस्तकालय के रूप में स्थापित किया था।
इसमें करीब 12 हजार पुस्तकों भंडार हैं। प्राचीन पांडुलिपियां, धर्मग्रंथ तथा कई भाषाओं की पुस्तकें यहां उपलब्ध हैं। करीब 4 हजार लोग इस लाइब्रेरी के सदस्य हैं। वर्तमान में इसका संचालन नगर निगम कर रहा है।

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