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ठीक निशाने पर लगा विशाल का साधा जासूसी तीर, ‘जुबली’ के बाद वामिका गब्बी फिर अव्वल नंबर

जासूसी कहानियों की असल परीक्षा यही होती है कि ये दर्शक या पाठक को अंत तक उलझाए रखें। ‘चार्ली चोपड़ा एंड द मिस्ट्री ऑफ सोलांग वैली’ चूंकि अगाथा क्रिस्टी जैसी महान रचनाकार की कहानी पर बनी है तो इसमें जासूसी कथा के घुमाव सारे मौजूद हैं।

 

अभी गर्मियों में जून की एक झुलसती शाम को सोनी लिव पर एक नया थंबनेल झलका। ओटीटी ने वेब सीरीज ‘चार्ली चोपड़ा एंड द मिस्ट्री ऑफ सोलांग वैली’ का पहला एपिसोड बिना किसी पूर्व सूचना के यूं ही अपने ग्राहकों के लिए चौंकाने वाले तोहफे के रूप में रिलीज कर दिया। पूरी सीरीज अब जाकर रिलीज हुई है। 30 से 35 मिनट के औसतन छह एपिसोड की ये वेब सीरीज हिंदी मनोरंजन जगत का एक नया प्रस्थान बिंदु है। हिंदी सिनेमा में ‘सीआईडी’ से लेकर ‘फर्ज’ और ‘सुरक्षा’ तक तमाम जासूस अपना असर छोड़ते ही रहे हैं, लेकिन यशराज फिल्म्स की फिल्म ‘एक था टाइगर’ के बाद इन दिनों जासूसी फिल्मों का सैलाब सा आया हुआ है। इन जासूसी फिल्मों में महिला जासूस भी दिखते हैं लेकिन आलिया भट्ट की ‘राजी’ को छोड़कर कहानी की धुरी महिला जासूसों पर कम ही केंद्रित होती दिखी है। विशाल भारद्वाज ने अगाथा क्रिस्टी के उपन्यास ‘द सिटाफोर्ड मिस्ट्री’ पर नई वेब सीरीज जो बनाई है, उसमें एक नई महिला जासूस चार्ली चोपड़ा का जन्म हुआ है।

मां से सीखकर आई पंजाबन जासूस
चार्ली चोपड़ा ने जासूसी अपनी मां से सीखी है। और, इस कला का इस्तेमाल उसे करना पड़ता है कत्ल के इल्जाम में पुलिस के शिकंजे में फंसे अपने मंगेतर को बचाने के लिए। और, मंगेतर जिस शख्स के कत्ल के इल्जाम में फंसा है वह भारतीय सेना का सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर है। मामला संगीन है। पुलिस को अभियुक्त की जल्द से जल्द गिरफ्तारी दिखाकर केस बंद कर देने की जल्दी है। लेकिन, इसमें एक स्थानीय पत्रकार को भी दिलचस्पी है। उसे हिमाचल प्रदेश से निकलकर दिल्ली की टीवी पत्रकारिता करनी है और इन दिनों दिल्ली की जैसी टीवी पत्रकारिता है, उसके लिए उसे ‘सनसनी’ तलाशने के आदेश मिलते हैं। चार्ली को सुराग की तलाश है। पत्रकार को सनसनी की। दोनों मिलते हैं और मामला एक नए मोड़ की तरफ निकल जाता है। कुछ हो पाए कि एक मौत और हो जाती है। चार्ली कहती है ये भी कत्ल है। पुलिस कहती है, हादसा है। दोनों की तफ्तीश के बीच में फिर एक मौत होती है। पुलिस को लगता है कि अब जाकर मामला सुलट गया। वह मंगेतर को निर्दोष बताती है। अपनी तस्वीरें खिंचाती है। लेकिन, पिक्चर अभी बाकी है...! क्योंकि, चार्ली की तफ्तीश अब उस शख्स को तलाशने की है जो इन कत्ल करने वालों का भी कातिल है।

 

Charlie Chopra & The Mystery Of Solang Valley Review Vishal Bhardwaj Wamiqa Gabbi Sony Liv Agatha Christie

चार्ली चोपड़ा एंड द मिस्ट्री ऑफ सोलांग वैली - फोटो : अमर उजाला

अनावश्यक दिखी फोर्थ वॉल ब्रेकिंग
जासूसी कहानियों की असल परीक्षा यही होती है कि ये दर्शक या पाठक को अंत तक उलझाए रखें। वेब सीरीज ‘चार्ली चोपड़ा एंड द मिस्ट्री ऑफ सोलांग वैली’ चूंकि अगाथा क्रिस्टी जैसी महान रचनाकार की कहानी पर बनी है तो इसमें जासूसी कथा के घुमाव सारे मौजूद हैं। विशाल भारद्वाज ने कहानी को बर्फबारी के बीच शिमला और सोलांग के बीच रचा है तो ये माहौल भी फिल्म का रहस्य बनाए रखने में खूब मदद करता है। अंजुम रजब अली और ज्योत्सना हरिहरन के साथ मिलकर उन्होंने छह एपिसोड की चुस्त पटकथा लिखने की कोशिश की है। इनमें से शुरू के दो एपिसोड और आखिर के दो एपिसोड दर्शकों को बांध कर रखते हैं। कहानी को विस्तार देने की कोशिश करते बीच के दो एपिसोड की पटकथा थोड़ी सुस्त है। दर्शकों से सीधे संवाद करने की (फोर्थ वॉल ब्रेकिंग) की सीरीज में खास जरूरत दिखती नहीं है और चार्ली जब भी ऐसा करती है तो दर्शकों का तारतम्य तोड़ती है।

 

Charlie Chopra & The Mystery Of Solang Valley Review Vishal Bhardwaj Wamiqa Gabbi Sony Liv Agatha Christie

चार्ली चोपड़ा एंड द मिस्ट्री ऑफ सोलांग वैली - फोटो : अमर उजाला

लौट आया विशाल भारद्वाज का जादुई स्पर्श
बतौर निर्देशक विशाल भारद्वाज के लिए वेब सीरीज ‘चार्ली चोपड़ा एंड द मिस्ट्री ऑफ सोलांग वैली’ किसी कसौटी से कम नहीं है। अपनी पिछली फिल्म ‘पटाखा’ के बाद अगर ‘मॉडर्न लव मुंबई’ फिल्मावली की एक कड़ी को छोड़ दें तो किसी पूरी फिल्म या वेब सीरीज के निर्देशक के तौर पर ये उनकी पांच साल बाद हुई वापसी है। विशाल भले कहते हों कि वह एक बार फिल्म बनाने के बाद उसे भूल जाते हैं। लेकिन, आत्मावलोकन यहां उन्होंने शर्तिया किया है। अपने सिनेमैटोग्राफर तस्सदुक हुसैन के साथ मिलकर न सिर्फ उन्होंने कथा वस्तु के अनुसार नयनाभिराम होने के साथ साथ रुचि जगाते तस्वीर सरीखे फ्रेम खोजे हैं बल्कि कहानी के प्रवाह को भी उन्होंने कम ही लड़खड़ाने दिया है। विशाल खुद कहते हैं कि उन्होंने फिल्में बनानी सिर्फ इसलिए शुरू कीं ताकि वह इनमें अपनी सोच और अपनी पसंद का संगीत दे पाएं। और, संगीत इस वेब सीरीज का वाकई अच्छा है। पार्श्व संगीत भी और कहानी के बीच आने वाले गीत, गजलें और नज्में भी।

 

Charlie Chopra & The Mystery Of Solang Valley Review Vishal Bhardwaj Wamiqa Gabbi Sony Liv Agatha Christie

चार्ली चोपड़ा एंड द मिस्ट्री ऑफ सोलांग वैली - फोटो : अमर उजाला

वामिका गब्बी फिर नंबर वन
अभिनय के हिसाब से वेब सीरीज ‘चार्ली चोपड़ा एंड द मिस्ट्री ऑफ सोलांग वैली’ वामिका गब्बी की अभिनय क्षमता का एक और बेहतरीन नमूना है। अमेजन प्राइम वीडियो की वेब सीरीज ‘जुबली’ में अपने चमत्कारिक अभिनय से दर्शकों को रिझाने में कामयाब रहीं वामिका इस वेब सीरीज में दर्शकों को शुरू से आखिर तक फांसे रखती हैं। जासूस वह पंजाब की हैं लिहाजा उनके तमाम संवाद पंजाबी भाषा में ही हैं जो कई बार समझ आते हैं और कई बार यॉर्कर लेंथ पर फंकी गई बाउंसर भी बन जाते हैं। शादी में चोरी किए गए दूल्हे के जूते तलाशने से शुरू हुए चार्ली चोपड़ा के किरदार के रंग अंत तक आते आते इतने आरोह, अवरोह अपने प्रवाह में जीते हैं कि वामिका गब्बी को अपने अभिनय के सारे रस यहां दिखाने को मिल जाते हैं। हताश प्रेमी की गर्मजोशी से भरी प्रेमिका से लेकर हमराह से धोखा खाने वाली पार्टनर, संदिग्धों की तलाश में उसके अतिरिक्त प्रयास और बीच में एक बेटी का सिसकता दिल लिए वामिका जब जब कहानी के टेंट पोल साधती हैं, समझ आता है कि हिंदी मनोरंजन जगत को एक ऐसी दमदार अदाकारा मिल गई है, जो मोहक है, मादक है और जिसको अभिनय भी खूब आता है।

 

Charlie Chopra & The Mystery Of Solang Valley Review Vishal Bhardwaj Wamiqa Gabbi Sony Liv Agatha Christie

चार्ली चोपड़ा एंड द मिस्ट्री ऑफ सोलांग वैली - फोटो : अमर उजाला

सहायक कलाकारों को उम्दा अभिनय
वेब सीरीज ‘चार्ली चोपड़ा एंड द मिस्ट्री ऑफ सोलांग वैली’ में सहायक कलाकारों की पूरी बरात है। लेकिन, वामिका के बाद नंबर दो पर आता है अभिनेता प्रियांशु पैन्यूली का अभिनय। मोबाइल पत्रकारिता करने वाले सीताराम बिष्ट के किरदार में प्रियांशु इस पेशे में पूरी तरह ढले हुए कलाकार नजर आए। उनके हावभाव और उनकी चेष्टाएं बिल्कुल सटीक हैं। इसके बाद तो नीना गुप्ता से लेकर गुलशन ग्रोवर, ललित परिमू, रत्ना पाठक शाह, इमाद शाह, विवान शाह, लारा दत्ता जैसे कलाकारों को विशाल ने जिस जिस किरदार की भी देहरी पर सजाया, वह भरपूर रोशनी देता नजर आया। हुमा कुरैशी का सीरीज में दिलचस्प कैमियो है और सीरीज के बीच में ये एक अच्छा सरप्राइज पैकेज सरीखा दिखता है। सीरीज बिंज वॉच के लिए अच्छी है।
 

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