वैश्विक भू- राजनैतिक, व अर्थ व्यवस्था पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन

आगरा। डॉ भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा , हावर्ड विश्वविद्यालय वाशिंगटन डीसी वा इंटरनेशनल एकेडमी ऑफ बिजनेस अमेरिका द्वारा अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया . हाइब्रिड मोड में आयोजित कॉन्फ्रेंस में विश्व के समक्ष उपस्थित चुनौतियो पर विश्व के अनेकों देशों के विद्वानों ने अपने विचार व्यक्त किये ऑनलाइन तथा ऑफलाइन मॉड में आयोजित इस अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में अमेरिका नाइजीरिया तथा भारत के विविध विश्वविद्यालय से विदवानों ने अपने अपने शोध पत्र का वचन के किया यह अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी सन् 2016 से भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय तथा हावर्ड विश्वविद्यालय के बीच हुई समझोतों के तहत सन् 2000 से लगातार आयोजित की जा रही है यहाँ तक की कोविड कॉल में भी ऑनलाइन मॉड पर इस संगोष्ठी का आयोजन किया गया था उद्घाटन सत्र में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर नरेंद्र सगी ने बताया था कि डोनॉन विश्वविद्यालय भारत के बारे में बोलते हुए बताया गया था प्रोफेसर जी ने बताया कि दोनों देश के बीच यह समझौता अंतरराष्ट्रीय स्टार प्रति विदवानों को समस्याओं को सुझाव देने के लिए एक मंच प्रदान कर रहा है , अध्यक्षता करते हुए अपने संबोधन में डॉक्टर भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा की कुलपति प्रोफेसर आशु रानी ने कहा की हमारा विश्वविद्यालय न केवल स्थान और देश वरन विश्व सितारा प्रति स्थापित तमाम समस्याओं के समाधान हेतु हर संभव प्रयास कर रहा है इसके लिए विश्व विद्यालय ने विभिन्न देशों से काई समझोते किए हैं जिसके लिए अंतरगत तमाम शैक्षणिक शोध तथा संगोष्ठी आयदी अयोजित की जाती है डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्व विद्यालय और हावर्ड वी विश्व विद्यालय द्वार अयोजित
19 से लेकर 22 नवंबर तक “जिओ पॉलिटिक्स, ट्रैवल एंड इकोनामिक ग्रोथ ” विषय पर,17 वें वार्षिक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन जिसका आयोजन इंटरनेशनल एकेडमी ऑफ़ बिज़नस , यू एस ए के द्वारा तथा सेंटर फॉर ग्लोबल बिजनेस स्टडीज ,वॉशिंगटन डीसी ,यूएसए एवं इंस्टिट्यूट ऑफ़ टूरिज्म एंड होटल मैनेजमेंट आगरा के सहयोग से किया गया। इस सम्मेलन में यू एस ए,नाइजीरिया तथा भारत के शोधार्थियों ने हाइब्रिड मध्य का प्रयोग करते हुए विभिन्न विषयों पर अपने मतों को प्रस्तुत किया । समय से अपनी उपस्थिति बनाकर माननीय कुलपति प्रोफेसर आशु रानी जी ने सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए आधुनिक समय के चर्चित विषय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तथा भाषा संबंधी बाधाओं को समाप्त करके किस प्रकार शोधार्थियों के लिए नव मार्गों को प्रस्तावित किया जा सकता है इस तथ्य पर प्रकाश डाला।वैश्वीकरण के समय में भू राजनीति किस प्रकार से संपूर्ण विश्व के राजनीतिक परिदृश्य को बदल रही है तथा उसमें किस प्रभाव डाल रही है इस विषय पर भी बहुत सूक्ष्म तरीके से माननीय कुलपति जी ने अपने विचारों को प्रस्तुत किया।इस सम्मेलन के अंतर्राष्ट्रीय संयोजक तथा इंस्टिट्यूट ऑफ़ टूरिज्म एंड होटल मैनेजमेंट के वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ लव कुश मिश्रा जी तथा अंतरराष्ट्रीय समन्वयक प्रो नरेंद के रुस्तगी जी तथा इंटरनेशनल एकेडमी ऑफ बिजनेस के प्रेसिडेंट प्रो इमानुएल अनौरियो ने इस सम्मेलन का परिचय देते हुए इस सम्मेलन की महत्वता पर परिचयात्मक भाषण दिया ।
क्योंकि यह सम्मेलन हाइब्रिड मोड पर आधारित था तो इस माध्यम का उपयोग करते हुए भारत के विभिन्न राज्यों से जैसे हिमाचल प्रदेश ,शिलांग यूनिवर्सिटी ,कश्मीर यूनिवर्सिटी, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय , उत्तर प्रदेश टेक्निकल यूनिवर्सिटी आदि से जुड़कर शोधार्थियों ने इस सम्मेलन के मुख्य विषय से संबंधित उप विषयों जैसे प्राचीन ज्ञान परम्परा,संस्कृति बहुलवाद , सतत सभ्यता, आधुनिक समय के युवाओं की आहार की गुणवत्ता,फिल्म एंड क्रिएटिव इंडस्ट्री आदि पर अपने-अपने विचारों को बहुत आकर्षित तरीके से प्रस्तुत किया तथा अपने शोध पत्रों के माध्यम से प्राप्त निष्कर्षों का प्रयोग आज के आधुनिक समय में किस प्रकार किया जा सकता है ,इस पर भी प्रकाश डाला गया । सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए प्रोफेसर उमापति दीक्षित,प्रोफेसर महेंद्र पाल , प्रो डी एस यादव ,प्रो सी के तिवारी ,प्रो सोना दीक्षित आदि ने अपने विचारों को उपस्थित शोधार्थियों तथा छात्र छात्राओं के साथ साझा किया।
मुख्य वक्ता के रूप में प्रो एसपी बंसल ,प्रो आलोक राय डॉ एंथनी डी विलबन, आदि ने भी अपने विचारों को।प्रस्तुत किया । सम्मेलन को सफल बनाने में अमित कुमार साहू , डॉ यञमंद्रा अपर्णा, डॉ अंजली कुमारी, साक्षी तिवारी, कुलदीप यादव, नितिन,अल्बिना, रजनी राणा, कुलदीप दीक्षित, मानव,दीपक सोलंकी ,सोनम रघुवंशी,हेमंत ,सनी , यश, राज राघव ने अपना योगदान दिया ।














