आगराउत्तर प्रदेशस्वास्थ

स्पोक-हब मॉडल से मिलेगी हृदयाघात में तेज और बेहतर चिकित्सा सुविधा

डीके श्रीवास्तव - इंडिया समाचार 24

आगरा। हृदयाघात (STEMI – ST-Elevation Myocardial Infarction) एक गंभीर मेडिकल इमरजेंसी है जहां हृदय की धमनी पूरी तरह अवरुद्ध हो जाती है। इस स्थिति में हर मिनट कीमती है और देरी से हृदय की मांसपेशियों को स्थायी नुकसान हो सकता है या मृत्यु भी हो सकती है।

हृदयाघात (STEMI – ST-Elevation Myocardial Infarction) एक गंभीर मेडिकल इमरजेंसी है जहां हृदय की धमनी पूरी तरह अवरुद्ध हो जाती है। इस स्थिति में हर मिनट कीमती है और देरी से हृदय की मांसपेशियों को स्थायी नुकसान हो सकता है या मृत्यु भी हो सकती है।

स्पोक-हब मॉडल क्या है?
स्पोक-हब मॉडल एक समन्वित क्षेत्रीय नेटवर्क है जो यह सुनिश्चित करता है कि STEMI के मरीज़ों को समय पर सही इलाज मिले, चाहे वे किसी भी अस्पताल में पहुंचें।

हब (केंद्र)
बड़े विशेषज्ञ अस्पताल जहां 24/7 कार्डियक कैथेटराइजेशन लैब की सुविधा उपलब्ध है और आपातकालीन एंजियोप्लास्टी की जा सकती है।

स्पोक (शाखाएं)
चिन्हित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जिला पुरुष चिकित्सालय, निजी मेडिकल कालेज और एम्बुलेंस सेवाएं जो STEMI को पहचान सकते हैं लेकिन उनके पास उन्नत इलाज की सुविधा नहीं है।

यह मॉडल कैसे काम करता है?

पहला चरण – तुरंत पहचान:
जब कोई मरीज़ छाती में दर्द या हृदयाघात के लक्षणों के साथ किसी भी अस्पताल पहुंचता है, तो तुरंत ECG (इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम) किया जाता है।

दूसरा चरण – तत्काल सूचना
STEMI की पुष्टि होते ही स्पोक अस्पताल तुरंत हब अस्पताल को सूचित करता है। मरीज़ के पहुंचने से पहले ही हब अस्पताल की टीम तैयार हो जाती है।

तीसरा चरण – सीधा स्थानांतरण
मरीज़ को तुरंत हब अस्पताल के कैथेटराइजेशन लैब में भेजा जाता है।

चौथा चरण – उपचार
मरीज़ को 90 मिनट के भीतर प्राइमरी एंजियोप्लास्टी (बैलून और स्टेंट द्वारा अवरुद्ध धमनी को खोलना) का उपचार मिल जाता है।

यह मॉडल जीवन कैसे बचाता है?

देरी नहीं होती
मरीज़ का समय उन अस्पतालों में बर्बाद नहीं होता जहां उचित इलाज नहीं हो सकता
पूर्व-तैयारी
हब अस्पताल की टीम मरीज़ के पहुंचने से पहले तैयार रहती है
मानक प्रोटोकॉल
सभी अस्पताल एक ही वैज्ञानिक दिशानिर्देशों का पालन करते हैं
व्यापक पहुंच
ग्रामीण और दूरदराज़ के इलाकों के लोगों को भी जीवन रक्षक उपचार मिल सकता है
बेहतर परिणाम
अध्ययनों से पता चलता है कि इस मॉडल से हृदयाघात से होने वाली मृत्यु और विकलांगता में काफी कमी आती है

जनता के लिए महत्वपूर्ण जानकारी

हृदयाघात के लक्षणों को पहचानें
– छाती में दर्द या दबाव
– दर्द का बाजुओं, जबड़े या पीठ में फैलना
– सांस लेने में तकलीफ
– पसीना आना, मितली या उल्टी

तुरंत एम्बुलेंस बुलाएं
लक्षण महसूस होते ही 108/102 पर कॉल करें। स्वयं गाड़ी न चलाएं और इंतज़ार न करें।

किसी भी अस्पताल जाएं
अगर नज़दीकी अस्पताल में कैथ लैब नहीं है, तो भी वहां जाएं। वे STEMI की पहचान कर सही अस्पताल में स्थानांतरण की व्यवस्था करेंगे।

याद रखें: हृदयाघात में TIME = HEART MUSCLE (समय = हृदय की मांसपेशी)

Share this post to -

Related Articles

Back to top button